चीन में 1980 से पहले“मकान खरीदना”और“भूमि जायदाद”जैसे शब्द साधारण चीनियों के लिये काफी अजनबी शब्द थे । क्योंकि उस समय चीन में मकान बांटने की प्रणाली अपनायी जाती थी, लोग अपनी-अपनी इकाई द्वारा बांटे गये मकानों में रहते थे, हर महीने केवल बहुत कम किराया देना था, बेशक, लोग सिर्फ मकान में रहने के हकदार थे, उन्हें मालिकाना हक प्राप्त नहीं था। पर पिछली सदी के 90 वाले दशक से चीन में मकान बांटने की प्रणाली रद्द कर मकान खरीदने-बेचने की व्यवस्था लागू हो गयी है । आज“मकान खरीदना”आम लोगों में सब से चर्चित सवालों में से एक बन गया है । मकान खरीदने वालों में युवा लोग बहुत ज्यादा हैं, विशेषकर शादी करने वाले युवाओं के लिये नया मकान खरीदना एक ज़रूरी शर्त जान पड़ता है । हालांकि नया मकान लेने से साधारण परिवार और नव दंपति पर कर्ज का भारी बोझ पड़ेगा, पर फिर भी वे नया मकान खरीदने को तैयार हैं । उन के विचार में मकान खरीदना किराये के मकान में रहने से बेहतर है ।