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तिब्बती क्षेत्र में चीनी, तिब्बती और अंग्रेज़ी में हो रही पढ़ाई
2012-11-05 18:56:06

"नमस्कार। हमारी क्लास में आने के लिए आपका स्वागत है। हमारी कक्षा में कुल 48 विद्यार्थी हैं, जिन में 21 छात्र और 27 छात्राएं। हमारी क्लास स्वस्थ और जीवंत क्लास है। क्लास में हमें एक साथ रहना और शिक्षा लेना हमें बहुत अच्छा लगता है।"

जब हमारे संवाददाता ने उत्तर पश्चिमी चीन के कानसू प्रांत के कान्नान तिब्बती स्वायत्त प्रिफैक्चर की राजधानी होच्वो स्थित चौथे प्राइमरी स्कूल के ग्रेड छह के नम्बर एक क्लासरूम में प्रवेश किया, तो उत्साही बच्चों ने तिब्बती, चीनी और अंग्रेज़ी तीन भाषाओं का प्रयोग कर हमारा गर्मजोशी से स्वागत किया। तीन भाषाओं में बच्चे गर्व के साथ हमारे साथ बातचीत करते हैं। उनके चेहरों पर आत्मविश्वास साफ झलकता है।

बताया जाता है कि कान्नान तिब्बती प्रिफैक्चर के प्राइमरी स्कूलों में बच्चे पहली ग्रेड से चीनी भाषा सीखते हैं, जबकि तीसरी ग्रेड से अंग्रेज़ी की शिक्षा लेने लगते हैं। ग्रेड छह से स्नातक होने के दौरान वे धाराप्रवाह चीनी भाषा बोल सकते हैं और उनकी अंग्रेज़ी का स्तर भी अच्छा रहता है और वे सीधे शब्दों में अंग्रेज़ी का प्रयोग कर दूसरों के साथ बातचीत कर सकते हैं। ज्यादा से ज्यादा तिब्बती बच्चे तिब्बती,चीनी और अंग्रेज़ी सीख लेते हैं और वे धीरे धीरे तिब्बती क्षेत्र के विकास के लिए भाषा के क्षेत्र में प्रतिभा के तौर पर उभरते हैं।

उक्त प्राइमरी स्कूल के प्रधान चांग ची रोंग ने जानकारी देते हुए कहा कि वर्तमान में स्कूल में कुल 1400 से ज्यादा विद्यार्थी शिक्षा लेते हैं। वे सब तिब्बती जाति के हैं और आम तौर पर चरागाह क्षेत्र से आते हैं। प्राइमरी स्कूल के पहली ग्रेड में आने के शुरूताती दिनों में बच्चों को सिर्फ तिब्बती भाषा आती है, वे चीनी भाषा नहीं बोल सकते। लेकिन कुछ वर्ष की पढ़ाई के बाद प्राइमरी स्कूल से स्नातक होने के वक्त वे चीनी हान भाषा का इस्तेमाल कर दूसरों के साथ बातचीत कर सकते हैं। वर्तमान में स्कूल चीनी, तिब्बती और अंग्रेज़ी तीनों भाषाओं में शिक्षा देता है। अंग्रेज़ी का व्याकरण तिब्बती भाषा से मिलता जुलता है, इस तरह अंग्रेज़ी सीखना बच्चों के लिए थोड़ा आसान है और उनका स्तर आम तौर पर अच्छा रहता है। स्कूल के प्रधान चांग चीरोंग ने कहा:

"चीनी भाषा ग्रेड एक से सिखाई जाती है। कई विद्यार्थी प्राइमरी स्कूल में प्रवेश के शुरू में चीनी भाषा नहीं बोल सकते। लेकिन ग्रेड छह तक उनकी चीनी भाषा का स्तर अच्छा रहता है। हमारे स्कूल में मुख्य तौर पर तिब्बती भाषा में शिक्षा दी जाती है। चीनी भाषा बुनियादी तौर पर आने के बाद दूसरों के साथ आसानी से बातचीत करना ठीक है।"

ग्रेड छह के नम्बर एक क्लास में पढ़ने वाले तोंगची छाईतान को अब भी पूरी तरह याद है कि ग्रेड एक में प्रवेश लेते वक्त उसे क्लास के दूसरे बच्चों की तरह चीनी भाषा बिलकुल नहीं आती थी। लेकिन अब वह धाराप्रवाह चीनी भाषा बोल सकता है। उसकी अंग्रेज़ी भी अच्छी है। तीन भाषाओं में अच्छी पकड़ रखने वाले इस बच्चे को खुद पर गर्व होता है। सुनिए हमारी संवाददाता और तिब्बती छात्र तोंगची छाईतान के बीच हुई बातचीत:

संवाददाता:तिब्बती, अंग्रेज़ी और चीनी भाषा में तुम्हे कौन ज्यादा पसंद है?

तोंगची:चीनी भाषा। क्योंकि हम तिब्बती हैं, हम चीनी भाषा में महारत हासिल कर चीनी हान जातीय लोगों के साथ आदान प्रदान व संपर्क कर सकते हैं।

संवाददाता:तो तुम्हारी तिब्बती भाषा अच्छी है?

तोंगची:बहुत अच्छी।

संवाददाता:तुम लोगों ने कब से चीनी भाषा सीखना शुरू किया?

तोंगची:ग्रेड एक से।

संवाददाता:तो किस ग्रेड से अंग्रेज़ी सीखने लगा?

तोंगची:ग्रेड तीन से।

संवाददाता: अंग्रेज़ी सीखते वक्त क्या तुम्हें कोई मुश्किल हुई?

तोंगची:थोड़ी सी मुश्किल लगती है। क्योंकि यह भाषा हमारी भाषा से कुछ अलग है।

संवाददाता:तुम क्या सोचते हो, तिब्बती, चीनी और अंग्रेज़ी तीनों भाषा सीखने का क्या महत्व है?

तोंगची:मुझे लगता है कि ये भाषाएं सीखकर हम विभिन्न क्षेत्रों के लोगों के साथ पारस्परिक संपर्क व आदान प्रदान कर सकते हैं। हम उनके साथ दोस्त भी बन सकते हैं।

आम दिनों में तोंगची छाईतान को तिब्बती और चीनी भाषा वाली कक्षाएं

लेना सबसे पसंद है। उसने कहा कि कई भाषाएं सीखकर इनका अच्छी तरह प्रयोग करना उसका सपना है। तोंगची छाईतान का सपना है कि वह भविष्य में चीनी भाषा पढ़ाने वाला शिक्षक बने। वह छात्रों को तिब्बती और चीनी भाषा सिखाना चाहता है। उसे लगता है कि भाषा लोगों के बीच आदान प्रदान व संपर्क के लिए जरूरी है।

12 वर्षीय तिब्बती लड़का लोंगची छाईरांग कान्नान तिब्बती स्वायत्त प्रिफैक्चर की शाहो कांउटी स्थित लाब्रांग तिब्बती प्राइमरी स्कूल के ग्रेड पांच का छात्र है। उसे तिब्बती भाषा बहुत पसंद है। स्कूल में तिब्बती भाषा की क्लास में वह ध्यान से सुनता है और पाठ पढ़ते वक्त उसकी आवाज़ सबसे ऊंची रहती है। उसका सपना भविष्य में भीतरी इलाके में जाकर शिक्षा लेना और काम करना है। इस तरह तिब्बती भाषा के साथ साथ वह मेहनत से चीनी हान भाषा भी सीखता है। उसने कहा:

"मुझे तिब्बती भाषा वाली पुस्तकें पढ़ना पसंद है। हमारे यहां तिब्बती बहुल क्षेत्र है। मैं तिब्बती भाषा पसंद करता हूँ। मुझे लगता है कि यहां से बाहर दूसरे जगहों पर ज्यादा चीनी भाषा बोली जाती है। भीतरी इलाके में कम लोग तिब्बती भाषा बोलते हैं। इस तरह चीनी भाषा सीखना भी जरूरी है।"

लाब्रांग तिब्बती प्राइमरी स्कूल की उप प्रधान जाशी ची कहते हैं कि स्कूल तिब्बती भाषा की शिक्षा को महत्व देता है। गणित, ललित कला, संगीत और विज्ञान आदि कक्षाएं देने के दौरान शिक्षक तिब्बती भाषा का प्रयोग करते हैं और पाठ्यपुस्तकें भी तिब्बती भाषा में होती हैं। इस तरह छात्र तिब्बती भाषा के वातावरण में विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रमों की जानकारी अच्छी तरह हासिल कर सकते हैं। इसके साथ ही स्कूल में चीनी भाषा की पढ़ाई को भी महत्व दिया जाता है। इसकी चर्चा में जाशी ची ने कहा:

"चीनी भाषा सीखना क्यों जरूरी है?क्योंकि वह हमारी राष्ट्रीय भाषा है। अगर चीनी भाषा अच्छी नहीं है, तो हमारे बच्चों की जानकारी सीमित रहती है। क्योंकि वे लोग बाद में बाहर जाते हैं, अगर चीनी भाषा न आए, तो समझ नहीं आती। इसलिए चीनी भाषा सीखना जरूरी है और उसे अच्छी तरह सीखना भी चाहिए।"

ग्रेड छह क्लास में टीचर हान अंग्रेज़ी पढ़ा रही हैं। विद्यार्थी बड़े उत्साह से पढ़ाई करते हैं। वे कभी सामूहिक तौर पर पाठ पढ़ते हैं, कभी पात्र के तौर पर । जब एक विद्यार्थी अपना काम अच्छी तरह पूरा करता हो, तो क्लास में दूसरे बच्चे उसकी तारीफ करते हैं। बच्चों के बीच आपसी संपर्क व आदान प्रदान से वे खुश रहते हैं। अध्यापिका हान ने कहा कि तिब्बती क्षेत्र में स्कूली बच्चे अंग्रेज़ी का कम इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्लास में जीवंत तरीके से अंग्रेज़ी सिखाने से उनकी रुची बढ़ेगी। उन्होंने कहा:

"हमारे बच्चे आम तौर पर तिब्बती कृषि व पशुपालन क्षेत्र से आते हैं। पहले उनका अंग्रेज़ी के साथ कोई संपर्क नहीं था। ग्रेड तीन से वे पहली बार अंग्रेज़ी सीखते हैं। यह उनके लिए नया और रुचिकर होता है। वर्तमान में विदेशी लोग पूंजी लगाकर हमारे यहां कंपनियां खोलते हैं। उन्हें तिब्बती और अंग्रेज़ी भाषा जानने वाले दुभाषियों की जरूरत होती है। मुझे लगता है कि तिब्बती छात्रों के लिए अंग्रेज़ी सीखना हान जातीय छात्रों से ज्यादा अनिवार्य है।"

टीचर हान अपने छात्र-छात्राओं को अंग्रेज़ी पढ़ाने को लेकर विश्वास से भरी हैं। उन्होंने कहा कि आजकल कान्नान तिब्बती प्रिफैक्चर का विकास हो रहा है। यहां आने वाले विदेशी पर्यटकों और विदेशी पूंजी निवेशकों की संख्या दिन ब दिन बढ़ रही है। तिब्बती, चीनी और अंग्रेज़ी तीनों भाषाएं जानने वालों के पास बहुत अच्छा विकल्प होता है। इस तरह उनके बच्चों को अंग्रेज़ी सीखते वक्त अधिक प्रेरणा मिलती है।

वास्तव में तिब्बती छात्रों के लिए तिब्बती भाषा उनकी मातृ भाषा है, अपनी मातृ भाषा में अच्छी पकड़ बनाकर वे अपनी जाति की संस्कृति व परम्परा को अच्छी तरह समझ सकते हैं। चीनी भाषा चीन में प्रचलित राष्ट्रीय भाषा है, यह तिब्बती लोगों और देश के अन्य स्थानों के दूसरी जातियों के लोगों के साथ आदान प्रदान का एक माध्यम है। वैश्विक भाषा के रूप में अंग्रेज़ी का महत्व दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है। आज तिब्बती बहुल क्षेत्रों के विकास व प्रगति के चलते, तिब्बती छात्र बाहरी दुनिया के साथ ज्यादा आवाजाही करते हैं।

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