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नई चिकित्सा व्यवस्था से तिब्बती लोगों को मिल रहा है लाभ
2012-11-05 18:20:02

चीन में नए प्रकार की ग्राणीण चिकित्सा सहयोग व्यवस्था की शुरुआत वर्ष 2010 में हुई। जिससे पूरे देश के ग्रामीण शामिल हुए हैं। यह सरकार के नेतृत्व, मार्गदर्शन, समर्थन और किसानों की स्वैच्छिक भागीदारी वाली व्यवस्था है, जिसमें लगने वाली राशि लोग, समूह और सरकार आदि मिलकर देते हैं। यह किसानों की सेवा करने और बड़ी बीमारी के दौरान बेहतरीन इलाज की व्यवस्था है। इस वर्ष पहली सितम्बर से ही छिंगहाई प्रांत के ह्वांगनान और हाईनान दो तिब्बती स्वाशासित प्रिफैक्चरों ने इस व्यवस्था के आधार पर"पहले अस्पताल में भर्ती, बाद में फीस"वाली योजना शुरू की, ताकि स्थानीय किसानों व चरवाहों को ज्यादा सुविधा व लाभ मिल सके। 

45 वर्षीय तिब्बती किसान डोर्चे रनछिंग छिंगहाई प्रांत के ह्वांगनान तिब्बती स्वायत्त प्रिफैक्चर की थोंगरन कांउटी में रहते हैं। घर में काम करते वक्त एक बड़े पत्थर से उनके दायें हाथ की मध्यमा उंगली कट गई। घायल होने के बाद वह पास के पाओआन कस्बे के एक अस्पताल पहुंचे। घाव पर मरहम, औषधीय लेप, ड्रिप्स आदि लगाने के लिए डोर्चे रनछिंग को महज 30 युआन देने पड़े। उन्होंने अपने कमीज़ की जेब से लाल रंग की हेल्थ गारंटी कार्ड निकाल कर दिखाया, जिसमें परिवार के सदस्यों के नाम लिखे हुए हैं। वे कहते हैं कि अब परिवार के सभी सदस्य अस्पताल जाने और इलाज के वक्त इस कार्ड का प्रयोग करते हैं, जिससे इलाज का खर्च कम हो गया है। पाओआन कस्बे के अस्पताल के प्रधान डॉक्टर वांग ह्वेईशङ ने डोर्चे रनछिंग के हेल्थ कार्ड के बारे में बताया।

"हमारे यहां एक परिवार में एक ही गारंटी कार्ड का इस्तेमाल होता है। मसलन् डोर्चे रनछिंग परिवार के मुखिया हैं, और उनके परिवार का प्रत्येक सदस्य अस्पताल में यह कार्ड दिखा सकता है। बीमार होने पर डोर्चे रनछिंग यह कार्ड लेकर हमारे अस्पताल में इलाज के लिए आता है। उसका बेटा भी इसी कार्ड के साथ अस्पताल पहुंचता है। देखिए, इस कार्ड में उसका पारिवारिक खाता और खर्च का रिकार्ड दर्ज है। अगर अस्पताल में भर्ती है, तो संबंधित सूची भी इसमें रिकोर्ड की जाती है।"

डोर्चे रनछिंग कहते हैं कि अब हेल्थ कार्ड के इस्तेमाल से इलाज के दौरान परिवार के सभी सदस्यों को सुविधा मिलती है। अगर कोई भी बीमार पड़ता है, तो उसे सीधे अस्पताल ले जाते हैं। 

"यहां बहुत सुविधाए हैं। डॉक्टर और नर्स हमारे साथ बहुत अच्छा व्यवहार करते हैं। हमारे देश में अच्छी नीति शुरू की गई है , जिससे सभी लोगों को फायदा मिला है।"

वहीं पाओआन कस्बे के अस्पताल के प्रधान, डॉक्टर वांग ह्वेईशङ ने कहा कि वर्तमान में देश में नई ग्रामीण स्वास्थ्य प्रणाली लागू होने के बाद अस्पताल इन्टरनेट पर थोक में दवाइयां खरीदता है। इससे दवाइयों के दाम भी कम हो गए हैं और किसानों व चरवाहों के दवा खरीदने व इलाज के खर्च में बहुत कमी आई है। वांग ह्वेईशङ ने कहा:

"चिकित्सीय सुधार शुरू होने के बाद हम देश के संबंधित नियमों के मुताबिक इन्टरनेट पर छिंगहाई प्रांतीय वेब के खरीददारी केंद्र में दवाइयां खरीदते हैं। चिकित्सीय सुधार से पहले दवाओं की कीमतें ऊंची थी, इसके साथ ही दवा की खरीद पर अस्पताल को 15 फीसदी मुनाफा मिलता था। लेकिन अब यह व्यवस्था लागू हो जाने से हमने शून्य फ़र्क वाली दवा खरीददारी व्यवस्था अपनाई, इसके तहत हम दवाएं इन्टरनेट पर खरीदते हैं, इससे दवाओं के दाम घट गए। कीमतों में 20 से 50 प्रतिशत के बीच कमी दर्ज की गई। इससे किसानों व चरवाहों को व्यापक लाभ मिला है।"

इस वर्ष की पहली सितम्बर से छिंगहाई प्रांत के विभिन्न स्तरीय सरकारी अस्पतालों में"पहले अस्पताल में भर्ती और बाद में फीस"वाली व्यवस्था शुरू हुई। रोगी पहले अपना आईडी कार्ड या चिकित्सीय कार्ड आदि संबंधित प्रमाण पत्र चिकित्सा संस्थाओं को देता है, फिर बिना कोई धनराशि जमा किए इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती हो सकता है। इलाज पूरा होने के बाद रोगी अस्पताल को चिकित्सीय बीमा और नई व्यवस्था के मुताबिक व्यक्तिगत फीस देता है। आम तौर पर रोगी का 80 से 90 प्रतिशत खर्च सरकार देती है। इस तरह बीमारी का इलाज होने से अस्पताल से छुट्टी के वक्त रोगी को बहुत कम फीस देनी होती है।

74 वर्षीय तिब्बती किसान चांग युछाई छिंगहाई प्रांत के हाईनान तिब्बती प्रिफैक्चर की क्वेईदे कांउटी स्थित हेतोंग कस्बे के अस्पताल का नियमित रोगी है। उसे पठारीय लम्बी बीमारी यानी फेफड़े व हृदय रोग से पीड़ित है। इस तरह की बीमारी का पूरी तरह इलाज करना असंभव है। हर वर्ष शरद व सर्दी के मौसम में स्थिति गंभीर रहती है और रोगी को अस्पताल जाकर विशेष इलाज करना पड़ता है। हर महीने चांग युछाई का इलाज कस्बे के अस्पताल में छह से सात दिन तक किया जाता है। चांग युछाई अकेले रहने वाले बुजुर्ग हैं, जो राष्ट्रीय न्यूनतम बीमा व्यवस्था का लाभ उठाता है, इस तरह हर बार अस्पताल में इलाज के दौरान उसका 95 प्रतिशत खर्च देश करता है। तिब्बती किसान चांग युछाई ने हंसते हुए कहा:

"अब पहले मेरा इलाज होता है, फिर फ़ीस देता हूँ। एक बार अस्पताल में भर्ती होने पर मेरा 95 प्रतिशत खर्च सरकार ने दिया, मुझे 20 युआन से भी कम देने पड़ते हैं। जबकि पहले सौ युआन से ज्यादा था। पहले मेरे पास पैसे की कमी थी और बीमार होने के बाद भी अस्पताल में कम आता था। लेकिन चीनी कम्युनिस्ट पार्टी ने अच्छी नीति बनाई है। मुझे बड़ा फ़ायदा मिला है और मैं बहुत खुश हूं, बीमार होने पर सीधे ही अस्पातल आ जाता हूँ। हमारे कस्बे का अस्पताल बहुत अच्छा है।"

वही एक बच्ची यांग शिनयी महज दो वर्ष आठ महीने की है, जो कि जन्मजात मस्तिष्क पक्षाघात से पीड़ित है। जन्म लेने के बाद छह महीने से उसका इलाज शुरू हुआ। यांग शिनयी के पिता चांग योंगछिंग बेटी को लेकर ऑपरेशन के लिए शांगहाई के प्रगतिशील अस्पताल गए, एक ही बार के ऑपरेशन का खर्च एक लाख युआन से ज्यादा था। इतना अधिक खर्च कर पाना एक किसान के लिए अत्यधिक मुश्किल होता है। लेकिन देश में नई व्यवस्था और चिकित्सीय बीमा के मुताबिक चांग योंगछिंग की बेटी के ऑपरेशन के खर्च का बड़ा हिस्सा छिंगहाई प्रांत और क्वेईदे कांउटी दो स्तरीय सरकारों ने किया। इस तरह चांग योंगछिंग अपनी बेटी का इलाज जारी रखे हुए है। उसने कहा:

"हमारी पार्टी की नीति बहुत अच्छी है और हम किसानों को बड़ा लाभ मिला है। देश ने न सिर्फ़ किसानों का कृषि कर माफ किया, बल्कि नई चिकित्सा व्यवस्था से संबंधित बीमा को भी बढ़ाया। इस नीति ने किसानों की बीमारी के इलाज में होने वाली मुश्किलों और महंगाई की समस्या को पूरी तरह हल किया। मेरा विचार है कि सरकार की मदद के बिना मेरी बेटी विक्लांग हो जाएगी।"

अब चांग योंगछिंग छिंगहाई प्रांत की राजधानी शीनिंग से बेटी के इलाज की विशेष दवाइयां खरीदता है। फिर घर वापस लौटकर इन दवाइयों से कस्बे अस्पताल में बेटी को मुफ्त इंजेक्शन लगवाने के साथ-साथ इलाज करवाता है। अपनी बेटी को जल्द से जल्द स्वस्थ देखने के लिए चांग योंगछिंग ने शांगहाई जाकर दूसरी बार ऑपरेशन करने का फैसला किया।

छिंगहाई प्रांत के हाईनान तिब्बती स्वायत्त प्रिफैक्चर की क्वेईदो कांउटी के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान ल्यु च्यान ने कहा कि "पहले अस्पताल में भर्ती और बाद में फीस"वाली प्रणाली के कार्यान्वयन और चिकित्सीय फ़ीस के सुधार से तिब्बती क्षेत्र के किसानों व चरवाहों को बहुत लाभ मिला है। उनका कहना है:

"रोगी पहले इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होते हैं और अस्पताल से जाते वक्त फ़ीस देते हैं। हम अस्पताल में भर्ती होने के दौरान रोगियों का खर्चा पांच सौ युआन से कम में नियंत्रित करते हैं। अगर एक बार अस्पताल में भर्ती होने के दौरान पांच सौ युआन खर्च हुए, तो रोगी सिर्फ़ 50 युआन देता है। इससे रोगियों का आर्थिक बोझ कम हुआ है।"

गौरतलब है कि नई चिकित्सा व्यवस्था लागू होने से अस्पतालों व चिकित्सीय केंद्रों को पूंजी दबाव का सामना करना पड़ा है। लेकिन इसके समाधान के लिए छिंगहाई प्रांत ने चिकित्सा बीमा राशि व इलाज राशि की पूर्व अनुदान व्यवस्था और मासिक लेखा-जोखा व्यवस्था बनाई, ताकि अस्पतालों व चिकित्सीय केंद्रों के सामान्य प्रचलन की गारंटी हो सके। अब अस्पतालों द्वारा रोगियों से फ़ीस मांगने की स्थिति कम होने लगी और रोगियों पर दबाव कम होने लगा है। रोगी अस्पतालों पर भरोसा करते हुए डॉक्टरों का समर्थन करते हैं। रोगियों और डॉक्टरों के बीच संबंध और अच्छे होने लगे हैं।

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