चांद से विशाल दीवार की दृश्यता
यह कहा जाता है कि चांद से विशाल दीवार को देखा जा सकता है। यह एक मिथक है, जोकि वर्ष 1754 में एक अंग्रेज पुरातत्ववेत्ता विल्लियम सटुकेली द्वारा लिखे एक पत्र से सामने आया। उन्होंने लिखा, "इस भूमंडल में महत्वपूर्ण माने जाने वाली यह महान दीवार, चंद्रमा से भी देखा जा सकता है।" यह दावा 1895 में हेनरी नारॅमन ने भी किया जहाँ वह लिखते है, "इस पृथ्वी पर मानव द्वारा निर्मित अदभूत कला का नजारा चाँद से भी नज़र आता है।"इसके बाद यह माने जाने लगा कि चाँद से विशाल दीवार को देखा जा सकता है। इस तरह का दावा वर्ष 1932 में प्रकाशित किताब रिप्लेस बिलिव में भी किया गया और वर्ष 1932 में रिचर्ड हालिबुर्तन की किताब सैकण्ड बुक आफॅ मारवल्स में भी किया गया।
ऐसे दावों को कई बार झूठलाया गया है पर प्रचलित सभ्यता में अभी भी गहराई से समाया हुआ है। इस दीवार की अधिकतम चौड़ाई 30 फुट यानि की 9.1 मी. है, और उसी रंग से बना है जो उसके आसपास की मिट्टी का रंग है। चाँद से नज़र आने वाली चीन की दीवार की चौड़ाई उतनी लगती है जितना हम अपनी आँखो से 20 मील की दूरी पर एक इंसानी बाल को देखते है। चाँद से दीवार देखने के लिए उच्चतम स्तर की दूरबीन की आवश्यकता पड़ेगी जो हमारी सामान्य नज़र से 17000 गुना बेहतर है।