वर्ष 2012 में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में 1.3 लाख लोग गरीबी की दलदल से बाहर निकले हैं। इस तरह वहां गरीब लोगों की संख्या 5 लाख 83 हज़ार तक रह गई है। हाल ही में शिन्ह्वा समाचार एजेंसी के पत्रकार ने तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के गरीबी उन्मुलन कार्यालय से यह खबर प्राप्त की।
बताया जाता है कि देश में गरीबी निर्धारण मापदंड 1700 युआन से बढा कर 2300 युआन तक कर देने के बाद तिब्बत में गरीब लोगों की संख्या बढ़कर 8 लाख 33 हज़ार तक पहुंच गई, जो पूरे स्वायत्त प्रदेश की कुल जनसंख्या का 34.42 प्रतिशत भाग है। यह दर देश में सबसे अधिक हैं।
गौरतलब है कि कम औक्सिजन, कम तापमान, ऊंचे पहाड़ और ठंडे मौसम के कारण तिब्बत में गरीबी उन्मुलन कार्य देश के भीतरी इलाके से कहीं अधिक कठोर होता है।
स्वायत्त प्रदेश के गरीबी उन्मुलन कार्यालय के प्रधान छ्युनी यांगफेई ने बताया कि तिब्बत की गरीबी स्थिति को मुद्देनज़र रखते हुए स्थानीय सरकार उचित उपाय खोजने में संलग्न है। सरकारी कर्मचारी विभिन्न क्षेत्रों व जिलों में किसानों और चरवाहों के घर-घर जाकर सहायता व समर्थन देते हैं, जिस से गरीब लोगों की स्थिति में धीरे-धीरे बदलाव आ रहा हैं। अब तक सारे प्रदेश में गरीब लोगों की संख्या 1.3 लाख कम होकर 5 लाख 83 हज़ार तक पहुंच गई है।
(श्याओ थांग)