चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 18वीं राष्ट्रीय कांग्रेस सफलतापूर्वक समाप्त होने के बाद इस पर कड़ी नज़र रखने वाले भारतीय मशहूर विद्वान, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के चीन मामलों के अध्ययन केंद्र के अध्यक्ष प्रोफेसर अलगा आचार्य ने चाईना रेडियो इन्टरनेश्नर पर इन्टरव्यू में कहा कि चीन की नई पीढ़ी के नेता तत्पर हैं। भविष्य में चीन और भारत को और सकारात्मक रूप से द्विपक्षीय संबंध को आगे बढ़ाना चाहिए।
प्रोफेसर अलका आचार्य का विचार है कि चीन और भारत के बीच परंपरागत मैत्री हमेशा से दोनों देशों के नेताओं के बीच महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही है। अब चीन के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों के विकास पर भारत और चीन का रूख सकारात्मक है। कुछ महीनों पहले चीनी नेता शी चिन फिंग ने कहा था कि चीन और भारत के संबंधों में विकास होना चाहिए। इसलिए चीन और भारत को और सकारात्मक कदम उठाना चाहिये।
वर्तमान वैश्विक आर्थिक संकट पर सुश्री आचार्य ने कहा कि भारत और चीन इसपर प्रभाव डालेंगे। इसके लिये दोनों देशों को साथ साथ काम करना होगा। चीन और भारत की जनसंख्या अधिक है। वैश्विक प्रतिस्पर्धा में यह एक बड़ी श्रेष्ठता है। इस के साथ साथ दोनों देशों के बीच सामंजस्यपूर्ण संबंध आर्थिक संकट का सामना करने के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।