चीन ने यूएन महासभा नंबर 2758 प्रस्ताव को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की निंदा की

2024-10-26 18:22:18

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन च्येन ने 25 अक्तूबर को पेइचिंग में आयोजित एक नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एक-चीन सिद्धांत को नकारने और संयुक्त राष्ट्र महासभा के नंबर 2758 प्रस्ताव के अधिकार और प्रभावशीलता को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की कोई भी कार्रवाई इतिहास का उलटफेर है, जो कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के लिए एक चुनौती है, इसका असफल होना तय है। उन्होंने कहा कि चीन का फिर से एकीकरण होना निश्चित है और अंततः एकीकरण होगा। यह एक ऐतिहासिक प्रवृत्ति है जिसे कोई भी या कोई भी ताकत रोक नहीं सकती है।  

कुछ समय से, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में कुछ लोगों ने "संयुक्त राष्ट्र महासभा के नंबर 2758 प्रस्ताव ने थाईवान की स्थिति का समाधान नहीं किया" जैसी टिप्पणियां की हैं, और थाईवान की "संयुक्त राष्ट्र गतिविधियों में सार्थक भागीदारी" का समर्थन किया।

संवाददाता सम्मेलन में इसके बारे में चर्चा करते हुए प्रवक्ता लिन च्येन ने कहा कि 25 अक्तूबर 1971 को, 26वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भारी बहुमत से प्रस्ताव 2758 पारित किया, जिसमें संयुक्त राष्ट्र में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के सभी अधिकारों को बहाल करने, पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के सरकारी प्रतिनिधियों को एकमात्र वैध के रूप में मान्यता देने का निर्णय लिया गया, और तुरंत ही संयुक्त राष्ट्र तथा उसकी सभी संबद्ध एजेंसियों से थाईवानी अधिकारियों के प्रतिनिधियों को निष्कासित किया गया।

लिन च्येन ने कहा कि इस प्रस्ताव ने संयुक्त राष्ट्र में थाईवान सहित सभी चीन के प्रतिनिधित्व के मुद्दे को पूरी तरह से हल किया और यह स्पष्ट किया कि कोई "दो चीन" या "एक चीन, एक थाईवान" नहीं है। चीन की प्रादेशिक भूमि के अभिन्न अंग के रूप में, थाईवान के पास संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों में भाग लेने का कोई आधार, कारण या अधिकार नहीं है, जिसमें केवल संप्रभु देश ही भाग ले सकते हैं। सिद्धांत के इस मुद्दे पर, कोई अस्पष्टता नहीं है।

(श्याओ थांग)

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