शी चिनफिंग और नरेंद्र मोदी ने मुलाकात की
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 23 अक्तूबर को रूस के कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात की।
इस मौके पर शी चिनफिंग ने कहा कि चीन और भारत दोनों प्राचीन सभ्यता वाले देश हैं, बड़े विकासशील देश हैं और “वैश्विक दक्षिण” के महत्वपूर्ण सदस्य देश भी हैं। चीन और भारत अपने आधुनिकीकरण के निर्माण के अहम चरण में गुजर रहे हैं। इसलिये चीन और भारत को ऐतिहासिक रूझान और द्विपक्षीय संबंधों के विकास की दिशा को सही ढंग से काबू में लाना चाहिए। यह दोनों देशों और हमारे नागरिकों के मूल हितों के अनुरूप है।
शी चिनफिंग ने कहा कि चीन और भारत को संपर्क और सहयोग मजबूत कर आपसी रणनीतिक विश्वास बढ़ाना होगा, ताकि विकास में अपने अपने सपना साकार करने में एक दूसरे का समर्थन किया जा सके। इसके साथ, दोनों पक्षों को अंतर्राष्ट्रीय जिम्मेदारी उठाकर व्यापक विकासशील देशों के संयुक्त स्वतंत्रता व सम्मान के लिये आदर्श मिसाल कायम करनी होगी, ताकि विश्व बहुध्रुवीयकरण और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के जनवादीकरण बढ़ाने में योगदान किया जा सके।
शी चिनफिंग ने आगे कहा कि चीन और भारत के बीच संबंधों का मूलस्वरूप दोनों 1.4 अरब से अधिक जनसंख्या वाले पड़ोसी विकासशील देशों के साथ रहने का मुद्दा है। विकास वर्तमान में चीन और भारत के बीच मौजूद सबसे बड़ा “सामान्य कारक” है। चीन और भारत एक दूसरे के लिये विकास के अवसर हैं, न कि खतरे। चीन और भारत साझेदार हैं, न कि प्रतिस्पर्द्धी। हमारे दोनों पक्षों को उक्त अहम सहमतियों और सही रणनीतिक समझ पर कायम रहते हुए बड़े पड़ोसी देशों के साथ शांतिपूर्ण सहअस्तित्व और समान विकास के सही रास्ते पर आगे बढ़ाना होगा।
वहीं, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत-चीन संबंधों का स्थिर विकास दोनों देशों और दोनों देशों के लोगों के लिये अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह 2.8 अरब लोगों की भलाई और भविष्य से संबंधित है और क्षेत्रीय, यहां तक कि पूरी दुनिया की शांति व स्थिरता के लिये भी अहम है। वर्तमान जटिल अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में दोनों प्राचीन सभ्यताएं और आर्थिक इंजन होने के नाते भारत और चीन के बीच सहयोग आर्थिक पुनरुत्थान और विश्व बहुध्रुवीयकरण बढ़ाने के लिये लाभदायक है। भारत चीन के साथ रणनीतिक संपर्क मजबूत कर आपसी रणनीतिक विश्वास और आपसी लाभ वाले सहयोग बढ़ाना चाहता है। भारत शांगहाई सहयोग संगठन के वर्तमान अध्यक्ष देश से जुड़े कार्य करने में चीन का पूरा समर्थन करने को तैयार है और ब्रिक्स आदि बहुपक्षीय ढांचे में चीन के साथ संपर्क व सहयोग मजबूत करना चाहता है।
उधर, चीन और भारत ने घनिष्ठ संपर्क के जरिये हाल में सीमा क्षेत्र से संबंधित मामलों के निपटारे में महत्वपूर्ण प्रगति की। इसका शी चिनफिंग और नरेंद्र मोदी ने सक्रिय मूल्यांकन किया। मोदी ने द्विपक्षीय संबंधों में सुधार करने के लिये सुझाव पेश किया। शी चिनफिंग ने इस पर सहमति जतायी।
(ललिता)