भारतीय संगीत प्रतिनिधिमंडल ने युन्नान प्रांत में तेहोंग प्रिफेक्चर का दौरा किया
पूर्वोत्तर भारत के 6 सदस्यीय संगीत प्रतिनिधिमंडल ने 16 से 17 अक्टूबर तक, दक्षिण पश्चिमी चीन के युन्नान प्रांत के तेहोंग ताई और चिंगफो जातीय स्वायत्त प्रिफेक्चर का दौरा किया। इस यात्रा के दौरान, उन्होंने प्रिफेक्चर की राजधानी मांगशी, लोंगछ्वान कांउटी और रेइली नगर का दौरा किया।
बुधवार को, मांगशी शहर में स्थित तेहोंग नॉर्मल कॉलेज में, भारतीय मित्रों ने परिसर में क्रमशः ताई जातीय इतिहास संग्रहालय और चिंगफो जातीय इतिहास संग्रहालय का दौरा किया। साथ ही, उन्होंने शहर की प्रतिष्ठित इमारत मंगह्वान विशाल स्वर्ण पैगोडा की भी दौरा किया। उन्हें स्थानीय बौद्ध धर्म के विकास और चीन व म्यांमार के बीच बौद्ध धार्मिक आदान-प्रदान के बारे में जाना।
गुरुवार को, भारतीय संगीतकार लोंगछ्वान काउंटी और रेइली नगर गये, जहां उन्होंने लोंगछ्वान काउंटी में लोंगआन गांव का दौरा किया। इस गांव में हान जाति और चिंगफो जाति के लोग एक साथ रहते हैं। सरकार के सहयोग व समर्थन से, यहां नए गांवों का निर्माण किया गया है। भारतीय मित्रों ने गांववासियों के साथ दिल खुलकर बातचीत की। इसके साथ ही, उन्होंने कांउटी में चिंगफो जाति की मकान शैली, रिति-रिवाज़ों आदि के बारे में भी जाना।
यात्रा के दौरान, भारतीय संगीतकारों ने तेहोंग प्रिफेक्चर में ताई जाति और चिंगफो जाति के दोस्तों द्वारा आयोजित मिलन समारोह में भाग लिया। चीनी और भारतीय संगीतकारों और गायकों ने अपने जातीय गीतों और संगीत के माध्यम से एक-दूसरे के प्रति सम्मान व्यक्त किया।
भारतीय संगीतकारों ने कहा कि इस यात्रा में उन्हें युन्नान में ताई और चिंगफो लोगों के सांस्कृतिक रीति-रिवाजों में अपने गृहनगर के साथ समानताएं मिलीं। चीनी दोस्तों के गर्मजोशी भरे आतिथ्य ने उन्हें घर जैसा महसूस कराया।
बता दें कि कोलकाता में चीनी महावाणिज्य दूतावास के निमंत्रण पर, पूर्वोत्तर भारत से छह सदस्यीय संगीत प्रतिनिधिमंडल 14 अक्टूबर को युन्नान प्रांत की छह दिवसीय यात्रा के लिए खुनमिंग पहुंचा।
(श्याओ थांग)