ब्रिक्स तंत्र विकासशील देशों और उभरते बाजार देशों के बीच सहयोग को प्रभावी ढंग से बढ़ावा देता है- अर्थशास्त्री
संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास के वरिष्ठ अर्थशास्त्री ल्यांग क्वोयोंग ने हाल ही में चीनी समाचार एजेंसी शिन्हुआ को दिए एक लिखित साक्षात्कार में कहा कि भू-राजनीतिक उथल-पुथल और तेजी से बढ़ते बहु-ध्रुवीकरण की विशेषता वाली अंतरराष्ट्रीय स्थिति में, ब्रिक्स तंत्र विकासशील देशों और उभरते बाजार देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देश विश्व आर्थिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण शक्ति बन गए हैं, और उनका विकास अनुभव वैश्विक दक्षिण के देशों से सीखने लायक है। विभिन्न क्षेत्रों में ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग गहराता जा रहा है, ब्रिक्स देशों और अन्य विकासशील देशों के बीच आर्थिक और व्यापारिक आदान-प्रदान का विस्तार जारी है। तेजी से घनिष्ठ होता अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, निवेश और वैज्ञानिक एवं तकनीकी आदान-प्रदान इसमें शामिल सभी पक्षों के आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है।
ल्यांग क्वोयोंग ने यह भी कहा कि ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग तंत्र विशिष्ट क्षेत्रों से परे है और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच सहयोग का मुख्य तंत्र बन गया है, जो अधिक समावेशी वैश्विक आर्थिक और व्यापारिक प्रणाली के निर्माण में सकारात्मक भूमिका निभा रहा है। भविष्य को देखते हुए, डिजिटल अर्थव्यवस्था, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, सीमा पार भुगतान और लॉजिस्टिक्स जैसे नए क्षेत्रों में ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग तंत्र को अंतरराष्ट्रीय आर्थिक और व्यापार सहयोग को बढ़ावा देने में बड़ी भूमिका निभाने में सक्षम करेगा।
ल्यांग ने कहा कि चीन दुनिया का सबसे बड़ा व्यापारिक देश, माल व्यापार का सबसे बड़ा निर्यातक और दूसरा सबसे बड़ा आयातक है। चीन का बढ़ता आयात अन्य विकासशील देशों की आर्थिक वृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोत्साहन प्रदान करता है। साथ ही, चीन दुनिया के सबसे बड़े विदेशी निवेशकों में से एक है, और चीन के निवेश ने कम आय वाले देशों के औद्योगीकरण और आर्थिक विविधीकरण में महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की है।
ल्यांग क्वोयोंग ने कहा कि पिछले दस वर्षों की स्थिति को देखते हुए, "बेल्ट एंड रोड" पहल के संयुक्त निर्माण, एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) और ब्रिक्स न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) जैसे विकास वित्तपोषण संस्थानों की स्थापना ने विकासशील देशों के बीच आर्थिक और व्यापार सहयोग को प्रभावी ढंग से बढ़ावा दिया है।
(श्याओ थांग)