अल्जीरियाई विश्वविद्यालय ने पहला चीनी भाषा विभाग शुरू किया
अल्जीरिया ने अल्जीयर्स के दूसरे विश्वविद्यालय में आधिकारिक तौर पर अपना पहला चीनी भाषा विभाग शुरू किया है, जो सांस्कृतिक और शैक्षिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। राजधानी में स्थापना समारोह ने अल्जीरिया-चीन सहयोग, विशेष रूप से उच्च शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में एक मील का पत्थर साबित हुआ।
इस कार्यक्रम में प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया, जिनमें अल्जीरिया में दूतावास के कार्यवाहक प्रभारी चाओ फिंगशंग, अल्जीरियाई उच्च शिक्षा और वैज्ञानिक अनुसंधान मंत्री के विशेष प्रतिनिधि शुकेरी, अल्जीयर्स के दूसरे विश्वविद्यालय के प्रिंसिपल सईद रहमानी और चीन के उत्तरी चीन थर्मल विश्वविद्यालय के उपाध्यक्ष ली वनशंग शामिल थे। नए चीनी विभाग के पहले बैच के छात्रों और अल्जीरिया में चीनी शिक्षकों सहित 100 से अधिक लोग समारोह में मौजूद थे।
अपने संबोधन में, चाओ फिंगशंग ने इस नए विभाग के महत्व पर प्रकाश डाला और इसे अल्जीरिया और चीन के बीच बढ़ते शैक्षिक सहयोग में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। उन्होंने उम्मीद जताई कि विभाग के छात्र मेहनत से काम करेंगे और दोनों देशों के बीच चल रहे मैत्रीपूर्ण सहयोग में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बनेंगे।
वहीं, शुकेरी ने दोनों देशों के बीच अंतर-विश्वविद्यालय साझेदारी के लिए अल्जीरियाई उच्च शिक्षा मंत्रालय के शिक्षा समर्थन पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि चीनी विभाग की स्थापना अल्जीरिया और चीन के बीच गहरी दोस्ती का प्रतीक है, साथ ही अल्जीरियाई छात्रों को चीन की गहरी समझ हासिल करने का एक मूल्यवान अवसर प्रदान करती है।
उधर, प्रिंसिपल सईद रहमानी ने इन भावनाओं को दोहराया, इस बात पर जोर देते हुए कि चीनी एक अंतरराष्ट्रीय भाषा है और नया विभाग दोनों पक्षों के बीच भविष्य के आदान-प्रदान और सहयोग के द्वार खोलता है। उन्होंने पुष्टि की कि अल्जीयर्स का दूसरा विश्वविद्यालय नॉर्थवेस्ट नॉर्मल यूनिवर्सिटी के साथ अपने सहयोग को और विकसित करने के लिए उत्सुक है, विशेष रूप से प्रतिभा संवर्धन, शैक्षणिक आदान-प्रदान और संयुक्त अनुसंधान में, जिसका उद्देश्य अल्जीरिया और चीन के बीच विश्वविद्यालय साझेदारी के लिए एक मॉडल बनाना है।
बता दें कि चीनी विभाग की आधिकारिक स्थापना सितंबर 2024 में चीन के शिक्षा मंत्रालय और नॉर्थवेस्ट नॉर्मल यूनिवर्सिटी में चीनी विदेशी भाषा विनिमय और सहयोग केंद्र के समर्थन से की गई थी। उम्मीद है कि यह दोनों देशों के बीच शैक्षिक और सांस्कृतिक संबंधों को गहरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बनेगा।
(मीनू)