चीन ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार वार्ता में झूठ फैलाने के लिए अमेरिका और ब्रिटेन की निंदा की

2024-10-18 10:41:38

चीन संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम के प्रतिनिधियों द्वारा झूठी जानकारी गढ़ने और प्रसारित करने का कड़ा विरोध करता है। 16 अक्टूबर को, 79वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा की तीसरी समिति में एक संवादात्मक वार्ता के दौरान, संयुक्त राष्ट्र में चीन के उप स्थायी प्रतिनिधि, ताई पिंग ने भ्रामक बयानों के माध्यम से राजनीतिक टकराव भड़काने के लिए दोनों देशों की निंदा की।

ताई पिंग ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक मानवाधिकार शासन जटिल और परस्पर जुड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है। उन्होंने सभी देशों से बहुपक्षवाद को अपनाने, मानवाधिकार संरक्षण को सुरक्षा, विकास और सहयोग के साथ एकीकृत करने का आग्रह किया।

ताई के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय सामूहिक प्रयास के माध्यम से ही वैश्विक मानवाधिकारों के स्वस्थ विकास को सुनिश्चित कर सकता है। उन्होंने मानवाधिकार मुद्दों के कुछ देशों द्वारा राजनीतिकरण की भी आलोचना की, और विश्व मंच पर टकराव को बढ़ाने के लिए ऐसे मामलों का उपयोग करने के खिलाफ चेतावनी दी।

ताई पिंग ने मानवाधिकारों के प्रति चीन के दृष्टिकोण को और रेखांकित किया, जिसे उन्होंने लोगों पर केंद्रित और देश की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों को प्रतिबिंबित करने वाला बताया। उन्होंने मानवाधिकारों के क्षेत्र में चीन की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने समानता और आपसी सम्मान के आधार पर अन्य देशों और संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) के साथ मिलकर काम करने की पेइचिंग की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

पश्चिम में मानवाधिकारों की स्थिति पर अपना ध्यान केंद्रित करते हुए, ताई पिंग ने संयुक्त राज्य अमेरिका की अधिक अंतरराष्ट्रीय जांच का आह्वान किया। उन्होंने मध्य पूर्व में अपनी भूमिका के लिए वाशिंगटन की आलोचना की, गाजा में 40,000 से अधिक नागरिकों की मौत का हवाला दिया और अमेरिका पर इस क्षेत्र में गोला-बारूद की आपूर्ति करके संघर्ष को बढ़ाने का आरोप लगाया।

ताई पिंग ने जोर देकर कहा कि अमेरिका और ब्रिटेन चल रहे मानवीय संकट के लिए जिम्मेदार हैं और उन्होंने OHCHR से इन देशों में मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार लोगों की जांच करने और उन्हें जवाबदेह ठहराने का आग्रह किया।

(मीनू)

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