चीन और यूरोप में पीएम 2.5 का स्तर औसत से कम

2024-09-05 10:10:10

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने 5 सितंबर को ताजा वायु गुणवत्ता और जलवायु रिपोर्ट जारी की। इसके अनुसार जलवायु परिवर्तन, जंगली आग और वायु प्रदूषण का दुष्चक्र मानव स्वास्थ्य, पारिस्थितिक व्यवस्था और कृषि पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार हर साल वायु प्रदूषण की वजह से पूरी दुनिया में 45 लाख से अधिक लोगों की अकाल मृत्यु हो गयी। इसके साथ भारी आर्थिक और पर्यावरणीय खर्च भी हुआ। वायु गुणवत्ता पारिस्थितिक व्यवस्था के स्वास्थ्य पर प्रभाव डालती है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि लंबे समय तक पीएम 2.5 (सूक्ष्म कण पदार्थ) का सांस के साथ अंदर जाना स्वास्थ्य के लिए गंभीर रूप से हानिकारक है। पीएम 2.5 जीवाश्म ईंधन के दहन से होने वाले उत्सर्जन, जंगली आग और रेगिस्तानी धूल से आते हैं। आंकड़ों के अनुसार उत्तरी अमेरिका में फैली जंगली आग से पीएम 2.5 का उत्सर्जन असामान्य रूप से अधिक है। इसके अलावा, मानव और औद्योगिक गतिविधियों के कारण प्रदूषण का उत्सर्जन भी बढ़ा। भारत में पीएम 2.5 का स्तर औसत से ऊपर है। वहीं, चीन और यूरोप में पीएम 2.5 का स्तर औसत से कम है।

रिपोर्ट के मुताबिक वायु प्रदूषण न सिर्फ लोगों के स्वास्थ्य पर, बल्कि कृषि पर भी बड़ा प्रभाव डालता है। इससे फसल की पैदावार कम होगी। गंभीर रूप से प्रदूषित क्षेत्रों में फसल की पैदावार 15 प्रतिशत तक कम होगी।

(ललिता)

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