चीन की विश्व सिंचाई इंजीनियरिंग विरासतों की संख्या 38 पहुंची
पेइचिंग समय के मुताबिक़ 3 सितंबर की सुबह, ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में आयोजित सिंचाई और जल निकासी पर अंतर्राष्ट्रीय आयोग की 75वीं कार्यकारी परिषद की बैठक में, 2024 (11वें बैच) विश्व सिंचाई इंजीनियरिंग विरासतों की सूची की घोषणा की गई। चीन के शिनच्यांग उइगुर स्वायत्त प्रदेश के तुरपान करेज़, आनहुई प्रांत के हुइजोउ हुइबा-वुयुआन बांध (संयुक्त घोषणा), शैनशी प्रांत के हन्यिन फेंगयान सीढ़ीनुमा खेत और छोंगछिंग शहर के श्युशान जुफेंग वियर सहित 4 परियोजनाओं को सफलतापूर्वक इस सूची के 11वें बैच में चुना गया।
अब तक, चीन में विश्व सिंचाई इंजीनियरिंग विरासतों की कुल संख्या 38 पहुंच गई है। चीन पूरी दुनिया में सबसे समृद्ध प्रकार की सिंचाई इंजीनियरिंग विरासत, सबसे व्यापक वितरण और सबसे उत्कृष्ट सिंचाई लाभों वाला देश बन गया है।
बताया जाता है कि विश्व सिंचाई इंजीनियरिंग विरासत एक ऐसी परियोजना होनी चाहिए, जो 100 साल से भी पहले बनाई गई थी। इनके मुख्य प्रकारों में बांध, जल भंडारण इंजीनियरिंग, जल मोड़ इंजीनियरिंग, मूल जल उठाने का उपकरण, कृषि जल निकासी इंजीनियरिंग और कृषि जल प्रबंधन से संबंधित अन्य इंजीनियरिंग शामिल हैं। विश्व सिंचाई इंजीनियरिंग विरासतों की सूची वर्ष 2014 में स्थापित की गई थी, जिसे हर साल सिंचाई और जल निकासी पर अंतर्राष्ट्रीय आयोग द्वारा चुना जाता है। इसके उद्देश्य विश्व सिंचाई सभ्यता के विकास संदर्भ को सुलझाना, सिंचाई इंजीनियरिंग विरासतों के संरक्षण को बढ़ाना, पारंपरिक सिंचाई इंजीनियरिंग के उत्कृष्ट जल प्रबंधन ज्ञान का सारांश देना और सतत सिंचाई विकास के लिए ऐतिहासिक अनुभव व प्रेरणा प्रदान करना हैं।
(हैया)