चीनी शोधकर्ताओं ने चाँद की मिट्टी में पानी का पता लगाया
चीन के छांगअ नंबर पांच उपग्रह द्वारा वापस लायी गयी चाँद की मिट्टी के अनुसंधान में नयी जानकारी हासिल की है। चीनी विज्ञान अकादमी के निंगपो सामग्री अनुसंधान संस्थान और भौतिक विज्ञान संस्थान आदि विभागों से गठित अनुसंधान दल ने तीन साल के शोध और सत्यापन के बाद हाल में चाँद की मिट्टी के इस्तेमाल से बड़ी मात्रा में पानी का उत्पादन करने का तरीका सामने आया है। इससे भविष्य में चंद्र वैज्ञानिक अनुसंधान स्टेशन और अंतरिक्ष स्टेशन के निर्माण के लिये महत्वपूर्ण प्रमाण मिलने की उम्मीद है।
पानी चंद्र वैज्ञानिक अनुसंधान स्टेशन के निर्माण और चंद्र अंतरतारकीय यात्रा के दौरान मानव अस्तित्व सुनिश्चित करने का अहम संसाधन है। जल संसाधन की खोज चंद्र अन्वेषण के प्राथमिक कार्यों में से एक है। इससे पहले वैज्ञानिकों ने चाँद पर प्राकृतिक जल संसाधन के वितरण पर ज्यादा ध्यान दिया था। प्रारंभिक शोध के परिणाम से जाहिर है कि चंद्र मिट्टी के खनिजों में थोड़ी मात्रा में पानी होता है। चंद्रमा पर इसे निकालकर उपयोग करना मुश्किल है। इसलिये नये जल संसाधन की खोज और इसे निकालने के उपाय का अनुसंधान महत्वपूर्ण है।
गहन शोध और सत्यापन के बाद चीनी शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि 1 ग्राम चंद्रमा की मिट्टी से लगभग 51 से 76 मिलीग्राम पानी निकाला जा सकता है। इसका हिसाब लगाएं तो 1 टन चंद्र मिट्टी से लगभग 51 से 76 किलोग्राम पानी निकलेगा, जो 100 से अधिक 500 मिलीलीटर पानी की बोतल के बराबर है। यह मूल रूप से 50 लोगों के दैनिक जल सेवन को पूरा कर सकता है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि आगे की पुष्टि करने के लिए आने वाले छांगअ चंद्र अन्वेषण मिशन में संबंधित सत्यापन उपकरण लॉन्च करने की उम्मीद है।
(ललिता)