जापान को यासुकुनी मंदिर के मुद्दे पर सावधानी से काम करना होगा
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन च्येन ने 15 अगस्त को कहा कि 79 साल पहले, जापान ने पॉट्सडैम उद्घोषणा स्वीकार कर बिना शर्त आत्मसमर्पण की घोषणा की थी। चीनी लोगों ने दुनिया के लोगों के साथ जापानी सैन्यवादी आक्रमणकारियों और फासीवाद को हराकर महान जीत हासिल की। यह ऐतिहासिक क्षण अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा हमेशा याद रखने योग्य है।
लिन च्येन ने कहा कि यासुकुनी मंदिर जापानी सैन्यवादी आक्रमणकारियों द्वारा आक्रमणकारी युद्ध छेड़ने का आध्यात्मिक उपकरण और प्रतीक है। इसमें द्वितीय विश्व युद्ध के श्रेणी ए के युद्ध अपराधियों को स्थापित किया गया। यासुकुनी मंदिर के मुद्दे पर जापान के कुछ गणमान्य व्यक्तियों की कार्रवाई से फिर एक बार ऐतिहासिक मुद्दों के प्रति जापान का गलत रवैया जाहिर हुआ। चीन ने जापान के सामने गंभीरता से यह मामला उठाया और अपना रुख स्पष्ट किया।
लिन च्येन ने आगे कहा कि आक्रामकता के इतिहास पर सही रुख अपनाना और गहराई से विचार करना जापान के लिए द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पड़ोसी देशों के साथ मित्रवत साझेदारी का विकास करने की महत्वपूर्ण शर्त है। हमें इतिहास से सबक लेते हुए शांति की रक्षा करने के साथ भविष्य की ओर उन्मुख करना पड़ेगा। चीन जापान से यासुकुनी मंदिर के मुद्दे पर सावधानी से काम करने का आग्रह करता है, ताकि व्यावहारिक कार्रवाई से पड़ोसी देशों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का विश्वास जीत सके।
(ललिता)