डोपिंग कांड के बारे में अमेरिका के आश्चर्यजनक सवालों को अनुत्तरित नहीं छोड़ा जा सकता
हालांकि पेरिस ओलंपिक संपन्न हो चुके हैं, लेकिन खेल भावना की रक्षा करने की लड़ाई जारी है और डोपिंग कांड के बारे में अमेरिका के आश्चर्यजनक सवालों को अनुत्तरित नहीं छोड़ा जा सकता। अगला ओलंपिक खेल अमेरिका के लॉस एंजिल्स में होगा। अमेरिकी खेलों के प्रति दुनिया का विश्वास दोबारा हासिल करने के लिए अमेरिका को दुनिया को निम्न सवालों को समझाना होगा।
पहला, पिता ने बिस्तर पर आई ड्रॉप गिरा दी और लेटे-लेटे उसकी बेटी में डोपिंग का सकारात्मक परीक्षण हो गया? अमेरिकी सिंक्रोनाइज़्ड तैराकी एथलीट कैलिस्टा लियू को इस साल मई में एक डोपिंग परीक्षण में डोरज़ोलैमाइड के लिए सकारात्मक पाया गया था, लेकिन अमेरिका एंटी-डोपिंग एजेंसी (यूएसएडीए) ने ओलंपिक से पहले "ठीक समय पर" यह निर्धारित किया था कि उसने नियमों का उल्लंघन नहीं किया। इस का कारण यही है कि एथलीट के पिता ने इस घटक वाले आई ड्रॉप का इस्तेमाल किया था, और जब वह अपने पिता के बिस्तर पर लेटी थी तो उसकी त्वचा आई ड्रॉप के संपर्क में आई, इस प्रकार उसने प्रतिबंधित पदार्थ को अवशोषित कर लिया। बहुत अजीब बात है कि उस के पिता ने बिस्तर पर कितनी आई ड्रॉप गिरायी? यदि यह एथलीट कुछ देर बिस्तर पर लेटी रही तो वह कितनी आई ड्रॉप्स को छू सकती है? फिर आई ड्रॉप्स की कितनी मात्रा त्वचा के माध्यम से मानव शरीर में प्रवेश कर सकती है और फिर रक्तप्रवाह में प्रवाहित हो सकती है? क्या बिस्तर पर रिसने वाली आई ड्रॉप्स के कारण रक्त में दवा की सांद्रता मानक से अधिक हो सकती है?
दूसरा, क्या अमेरिका का आधिकारिक बयान भी वापस लिया जा सकता है? अपने एथलीटों को दोषमुक्त करने के लिए, अमेरिका "गलती से खाने" के बारे में कहानियां सुना सकता है जो दर्शकों के सामान्य ज्ञान को चुनौती देती हैं। लेकिन हर बार कारण पता चलने और प्रतिबंध हटने के बाद अमेरिकी अधिकारी चुपचाप से बयान हटा देंगे, जैसे उन्होंने कभी कहा ही न हो।
तीसरा, अमेरिका ने न केवल अपने बैंगनी चेहरे वाले एथलीट को समझाने से इनकार कर दिया, बल्कि उसकी तस्वीरें भी बदल दी? इस ओलंपिक खेलों की तैराकी प्रतियोगिता में पूरी दुनिया ने अमेरिका के "पर्पल स्वीट पोटैटो मैन" को देखा। इस तरह की "दृश्यमान" चालों का सामना करते हुए, अमेरिका की प्रतिक्रिया अपनी आँखों को ढँकने की थी। विभिन्न पश्चिमी मीडिया द्वारा प्रकाशित एक ही समय और कोण पर एक ही व्यक्ति की तस्वीरों की तुलना करने पर, यह देखना आसान है कि अमेरिकी मीडिया ने जानबूझकर अपने एथलीट के बैंगनी चेहरे को सफेद बनाने के लिए रंग को समायोजित किया।
अगला ओलंपिक खेल अमेरिका में आयोजित किया जाएगा, लेकिन अमेरिका के विकृत व्यवहार के कारण न केवल दुनिया भर के एथलीट, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति भी भाग लेने की हिम्मत नहीं कर रही है।
चंद्रिमा