हरित ऊर्जा संसाधनों के इस्तेमाल पर इस तरह जोर दे रहा है चीन
चीन ने हाल के वर्षो में हरित ऊर्जा के विकास पर काफी जोर दिया है, यह सरकार की नीतियों से साफ़ झलकता है। चीन में पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान दिए जाने के साथ-साथ हरित ऊर्जा संसाधनों के इस्तेमाल पर फोकस किया जा रहा है। जीवाष्म ईंधन के उपयोग को कम से कम करने के लिए विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। इसके साथ ही चीन लगातार कम कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए भी प्रतिबद्ध लगता है। जाहिर है कि चीन ने इस चुनौती को स्वीकार किया है कि नवीन ऊर्जा स्रोतों के विकास पर ध्यान देने की जरूरत है।
इसके साथ ही, चीन विश्व में सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक कार बाज़ार बन चुका है। चीन में लगातार नवीन ऊर्जा चालित वाहनों के लिए लगातार नए चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं। चीन में चार्जिंग स्टेशनों की संख्या 1 करोड़ 2 लाख 44 हजार पहुंच चुकी है, इसमें पिछले साल के मुकाबले 54 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है। उक्त कदम पर्यावरण प्रदूषण की समस्या को हल करने की दिशा में अहम साबित हो रहे हैं।
यहां बता दें कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कई बार जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के लिए सभी देशों से एकजुट होने का आह्वान किया है। इसके अलावा भी वह समय-समय पर प्राकृतिक संरक्षण से जुड़े स्थलों का दौरा करते रहे हैं। चीन सरकार कम कार्बन और पर्यावरण संरक्षण को काफी महत्व देती है। इसके लिए सरकार की ओर से समय-समय पर वित्तीय सहायता दी जाती है। चीन के संबंधित विभाग हरित ऊर्जा के विकास को लेकर काफी गंभीर दिखते हैं।
पिछले कुछ वर्षों से चीन में हरित व नवीन ऊर्जा उद्योगों को काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इलेक्ट्रिक कारों के बढ़ते चलन से भी इसका पता चलता है। आज चीन दुनिया का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक कार बाज़ार है, आने वाले समय में इसके और विस्तार करने की व्यापक संभावना है। इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण की स्थिति मजबूत हो रही है, बल्कि बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध हो रहे हैं। ध्यान रहे कि चीन में नवीन ऊर्जा वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन तैयार हो रहे हैं। कुल 1 करोड़ 2 लाख 44 हज़ार स्टेशन बन चुके हैं। इनमें सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की संख्या 31 लाख 22 हजार है। जबकि निजी चार्जिंग स्टेशनों की संख्या 71 लाख 22 हजार हो गयी है। आंकड़ों के मुताबिक, सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों से 2 करोड़ 40 लाख नवीन ऊर्जा वाहनों की चार्जिंग की डिमांड पूरी हुई।
इस बीच चीन के हरित बिजली व्यापार में इस वर्ष की पहली छमाही में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। जिसमें राष्ट्रीय ऊर्जा प्रशासन ने कुल 486 मिलियन हरित प्रमाणपत्र जारी किए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 13 गुना अधिक है। इस साल पवन ऊर्जा के लिए 197 मिलियन हरित प्रमाणपत्र जारी किए गए जबकि पारंपरिक जल विद्युत के लिए 102 मिलियन और सौर ऊर्जा के लिए 133 मिलियन प्रमाणपत्र जारी किए गए। इससे स्पष्ट होता है कि चीन में हरित ऊर्जा की डिमांड कितनी बढ़ गयी है।
गौरतलब है कि वर्ष 2017 में एक पायलट कार्यक्रम के रूप में प्रमाणपत्र देने की शुरूआत की गयी। जिसके तहत देश में हरित बिजली प्रमाणपत्र प्रणाली वाले व्यवसायों और लोगों को स्वेच्छा से अक्षय ऊर्जा खरीदने की अनुमति दी जाती है। तब से लगभग 707 मिलियन हरित प्रमाणपत्र जारी किए जा चुके हैं। अनुमान है कि प्रत्येक प्रमाणपत्र 1 मेगावाट प्रति घंटे की अक्षय ऊर्जा खपत का प्रतिनिधित्व करता है।
कहा जा सकता है कि चीन सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदम कम कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इसके साथ ही वैश्विक जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने में भी चीन योगदान दे रहा है।
(अनिल पांडेय)