छिशी फेस्टिवल: चीनी लोगों का वैलेंटाइन डे
चीन में प्यार का इजहार करने के लिए एक खास दिन होता है और हर धड़कता दिल अपनी भावनाओं को शब्दों में बयां करने के लिए इस दिन का बेसब्री से इंतजार करता है। इस साल 10 अगस्त चीन में प्रेमियों के लिए एक विशेष दिन है, जिसे 'चीनी वैलेंटाइन डे' कहा जाता है और चीनी भाषा में इसे 'छिशी फेस्टिवल' कहा जाता है।
यह त्यौहार चीनी चंद्र कैलेंडर के 7वें महीने के 7वें दिन पड़ता है। इसे कभी-कभी 'डबल सेवेंथ' त्यौहार या 'मैगपाई फेस्टिवल' भी कहा जाता है क्योंकि मैगपाई पक्षी इसकी पौराणिक कथाओं में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। यह त्यौहार चीनी लड़कियों के लिए बहुत खास होता है। इस दिन प्रेमी अपनी प्रेमिका को फूल, चॉकलेट और महंगे उपहार देते हैं और रात में साथ में खाना खाने जाते हैं।
चीन की पौराणिक कहानियों के अनुसार इस त्योहार का आधार चिन्यु और नियुलांग की प्रेम कहानी है, जो हर साल एक चरवाहे और एक बुनकर लड़की के मिलन का जश्न मनाने के लिए बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। चिन्यु एक बुनकर लड़की थी, जबकि नियुलांग एक चरवाहा था। यह त्यौहार हान राजवंश के समय से मनाया जाता रहा है, और माना जाता है कि इसकी शुरुआत करीब 2600 साल पहले हुई थी। यहाँ तक कि जापान में ताना-बाना और कोरिया में चिल-सी-ओक भी इस त्यौहार से प्रभावित हैं।
आज के समय में चीनी लड़कियां इस वैलेंटाइन डे को बहुत उत्साह के साथ मनाती हैं। वे मंदिर जाती हैं और चिन्यु की पूजा करती हैं। जीवन में अच्छा जीवनसाथी पाने के लिए लड़कियां इस दिन पारंपरिक चीनी गीत गाती हैं। इस त्यौहार में लड़कियां अपने घरेलू हुनर भी दिखाती हैं। पहले लड़कियों के लिए प्रतियोगिताएं होती थीं जिसमें वे अंगारों की रोशनी में या आधे चाँद की तरह कम रोशनी में सुई-धागा करके अपना हुनर दिखाती थीं। लेकिन आज के समय में लड़कियां 7 लड़कियों के लिए श्रृंगार का सामान इकट्ठा करके इस त्यौहार को मनाती हैं।
यह त्यौहार नवविवाहित जोड़ों के लिए भी बहुत खास होता है। पुराने समय में नवविवाहित जोड़े चिन्यु और नियुलांग की पूजा करके उन्हें हमेशा के लिए विदा करते थे। इसे शुभ विवाह का संकेत भी माना जाता था और यह इस बात का प्रतीक होता था कि नवविवाहित दुल्हन के ससुराल वाले उससे बहुत प्यार करते हैं।
प्यार के इस दिन चीनी लोग अपने घरों के आंगन को बंधनवार से सजाते हैं। अविवाहित और नवविवाहित लड़कियां चिन्यु और नियुलांग को उपहार के रूप में फल, फूल, चाय और पाउडर भेंट करती हैं। पूजा के बाद, चेहरे के पाउडर का आधा हिस्सा छत पर फेंक दिया जाता है और शेष आधा अविवाहित लड़कियों में वितरित किया जाता है।
ऐसा करने से लड़कियाँ चिन्यु जैसी सुंदरता पा सकती हैं। ऐसा माना जाता है कि अगर कोई स्वर्ग में रोता है, तो इस दिन बारिश होती है। कुछ मान्यताएँ ऐसी भी हैं कि अगर इस त्यौहार की रात को अंगूर की बेल के नीचे खड़ा हो जाए, तो प्रेमियों की बातचीत सुनी जा सकती है।
चीनी लोग इस दिन आकाशगंगा में वेग और अल्टर नामक तारों को देखने की कोशिश करते हैं, वहीं इन दोनों तारों के बीच दिखने वाले तीसरे तारे को चिन्यु और नियुलांग के लिए बनाए गए पुल के तौर पर भी देखा जाता है।
ऐसा कहा जाता है कि जब मैगपाई पक्षियों द्वारा बनाया गया पुल नदी के पानी से हटा दिया जाता है, तो इस दिन बारिश होती है, या यह भी कहा जाता है कि बारिश बिछड़ने के बाद प्रेमियों के आंसुओं के कारण होती है। इस दिन मैगपाई पक्षियों के जोड़े को देखना बहुत शुभ माना जाता है।
(अखिल पाराशर)