भारत में स्थित चीनी राजदूत ने साहित्य और कला जगत की भारतीय हस्तियों से बातचीत की
31 जुलाई को भारत में स्थित चीनी राजदूत शू फेइहोंग ने साहित्य और कला जगत की भारतीय हस्तियों के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की। दोनों पक्षों ने चीन-भारत सांस्कृतिक आदान-प्रदान और साझा हितों के अन्य मुद्दों पर मैत्रीपूर्ण बातचीत की।
राजदूत शू फेइहोंग ने कहा कि चीन और भारत के इतिहास में मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान की कई प्रभावित कहानियाँ हैं। नालंदा में ह्वेन त्सांग की बौद्ध साधना दोनों देशों में प्रसिद्ध थी। 100 साल पहले रवीन्द्रनाथ टैगोर की चीन यात्रा ने चीन और भारत के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया। जापानी आक्रमण के खिलाफ़ चीनी लोगों के प्रतिरोध के युद्ध में सेवा करने और बलिदान देने वाले डॉ. कोटनिस के कार्यों की दोनों देशों के लोगों द्वारा हमेशा प्रशंसा की जाती है। साहित्य, संगीत, दर्शन, ललित कला, इतिहास आदि क्षेत्रों में चीन और भारत के बीच कई संबंध और समानताएं हैं। आशा है कि भारतीय साहित्य और कला जगत चीन-भारत मैत्री के लिए एक सेतु और बंधन के रूप में अपनी भूमिका पूरी तरह निभा सकेंगे।
राजदूत शू फेइहोंग के अनुसार अगले वर्ष चीन और भारत के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ है। दोनों पक्षों को दोनों देशों के नेताओं द्वारा प्राप्त महत्वपूर्ण सहमतियों को लागू करना चाहिए, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पांच सिद्धांतों की भावना को आगे बढ़ाना चाहिए, और चीन-भारत संबंधों के सुधार और विकास को सक्रिय रूप से बढ़ावा देना चाहिए।
चंद्रिमा