भारत में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने द हिंदू में एक लेख प्रकाशित किया
3 अगस्त को भारत में स्थित चीनी राजदूत शू फेइहोंग ने द हिंदू में ड्रैगन-एलिफेंट टैंगो के लिए पांच दिशा-निर्देश शीर्षक से एक लेख प्रकाशित किया, जिसमें जोर दिया गया कि चीन और भारत के नेता एक महत्वपूर्ण आम सहमति पर पहुंचे हैं कि चीन और भारत एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी या खतरे नहीं हैं, बल्कि सहयोग और विकास के अवसरों में भागीदार हैं। यह द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए एक स्पष्ट दिशा प्रदान करता है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने हाल ही में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से दो बार मुलाकात की और इस बात पर जोर दिया कि चीन और भारत को आपसी सम्मान, आपसी समझ, आपसी विश्वास, आपसी देखभाल और आपसी उपलब्धि का पालन करना चाहिए। उक्त "पांच आपसी" शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के पांच सिद्धांतों को आगे विकसित करते हैं। जो दोनों नेताओं द्वारा पहुंची गई महत्वपूर्ण आम सहमति को लागू करने के उपयोगी मार्गदर्शन भी हैं। विश्वास है कि दोनों नेताओं के रणनीतिक मार्गदर्शन में, दोनों पक्षों के पास द्विपक्षीय संबंधों को अच्छी तरह से संभालने और पड़ोसी देशों के लिए सद्भाव में सह-अस्तित्व और हाथ से हाथ मिलाकर विकास करने के लिए एक सही रास्ता बनाने के लिए पर्याप्त ज्ञान और क्षमता है।
राजदूत शू फेइहोंग के अनुसार वे 10 मई को भारत में 17वें चीनी राजदूत के रूप में नई दिल्ली पहुंचे और 31 मई को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना परिचय पत्र सौंपा। पिछले तीन महीनों में उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों के कई भारतीय मित्रों से मुलाकात की और दो बार अन्य प्रदेशों का दौरा किया। उन्होंने कहा कि मुझे यह देखकर खुशी हुई कि यह भूमि, जिसने एक शानदार प्राचीन सभ्यता को पोषित किया है, नई जीवन शक्ति से भरपूर है। मैं चीन-भारत मैत्री के लिए व्यापक सार्वजनिक समर्थन और द्विपक्षीय संबंधों के लिए विश्वास और अपेक्षाओं से भी बहुत प्रभावित हूं।
चंद्रिमा