“चीन का सुधार, विश्व के लिए अवसर” ग्लोबल डायलॉग इंडिया ऑनलाइन सम्मेलन आयोजित

2024-07-25 19:35:59

चाइना मीडिया ग्रुप (सीएमजी) द्वारा आयोजित "चीन का सुधार, विश्व के लिए अवसर" ग्लोबल डायलॉग इंडिया ऑनलाइन सम्मेलन 25 जुलाई को आयोजित किया गया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में प्रभावशाली हस्तियों ने भाग लिया, जिसमें सीएमजी के निदेशक शन हाईश्योंग भी शामिल थे, जिन्होंने वीडियो के माध्यम से मुख्य भाषण दिया।

कोलकाता में चीनी महावाणिज्यदूत श्यू वेई, फेडरेशन ऑफ़ इंडियन चैंबर्स ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के कार्यकारी निदेशक अतुल डालाकोटी, चाइना कॉलेज ऑफ़ इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ इंडिया के डीन अविजित बनर्जी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की पश्चिम बंगाल समिति के सचिव मोहम्मद सलीम और दिल्ली विश्वविद्यालय में पत्रकारिता के प्रोफेसर संजय सिंह बघेल जैसे प्रतिष्ठित वक्ताओं ने अपने विचारों से चर्चा को समृद्ध किया।

यह सम्मेलन सीपीसी की 20वीं केंद्रीय समिति के तीसरे पूर्ण अधिवेशन के वैश्विक निहितार्थों और चीन के आर्थिक सुधारों और उच्च गुणवत्ता वाले विकास से उत्पन्न होने वाले अवसरों, विशेष रूप से भारत और अन्य दक्षिण एशियाई देशों पर केंद्रित था।

अपने संबोधन में, शन हाईश्योंग ने सीपीसी की 20वीं केंद्रीय समिति के तीसरे पूर्ण अधिवेशन के अंतर्राष्ट्रीय महत्व पर प्रकाश डाला, इसे चीन के नए युग में एक मील का पत्थर बताया। उन्होंने चीन के सुधार और आधुनिकीकरण की कहानी को बयान करने के लिए सीएमजी की प्रतिबद्धता पर जोर दिया, जिसका उद्देश्य चीन और दुनिया के बीच आदान-प्रदान और आपसी सीख को बढ़ावा देना है।

चीनी महावाणिज्य दूत श्यू वेई ने खुलेपन की चीन की अटूट नीति को रेखांकित किया। उन्होंने राष्ट्रपति शी चिनफिंग के इस आश्वासन का हवाला दिया कि "चीन के खुलने का दरवाज़ा बंद नहीं होगा, बल्कि और भी व्यापक रूप से खुलेगा।" श्यू ने चीन-भारत सहयोग की विशाल संभावनाओं पर जोर दिया, यह देखते हुए कि द्विपक्षीय व्यापार 2023 में 136 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया। उन्होंने भविष्यवाणी की कि चीन की नई उच्च-स्तरीय खुली आर्थिक प्रणाली दोनों देशों के बीच आर्थिक और व्यापार सहयोग को और आगे बढ़ाएगी।

अतुल डालाकोटी ने 21वीं सदी के अवसरों के केंद्र बिंदु के रूप में वैश्विक दक्षिण की ओर इशारा किया, जिसमें चीन और भारत विश्व आर्थिक विकास के इंजन और आर्थिक सुधार के नेताओं के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

अविजित बनर्जी ने तीसरे पूर्ण अधिवेशन के परिणामों पर विचार किया, जिसमें "व्यापक नवाचार" द्वारा संचालित "उच्च गुणवत्ता वाले आर्थिक विकास" के प्रति चीन के समर्पण की पुष्टि की गई। उन्होंने चीन की मज़बूत अर्थव्यवस्था की उसके लचीलेपन और जीवन शक्ति के लिए प्रशंसा की, तथा इस बात पर प्रकाश डाला कि चीन का विकास किस तरह वैश्विक बाज़ार, निवेश और विकास के अवसर प्रदान करता है।

संजय सिंह बघेल ने चीन के आर्थिक सुधारों की उत्पत्ति 1970 के दशक के उत्तरार्ध में बताई, तथा उनके गहन वैश्विक प्रभाव को नोट किया। उन्होंने चीन के तेज़ आर्थिक विकास और वैश्विक व्यापार तथा विश्व अर्थव्यवस्था में उसके महत्वपूर्ण योगदान की प्रशंसा की।

"चीन में सुधार, विश्व के लिए अवसर" संवाद श्रृंखला तुर्की, मलेशिया, म्यांमार, मंगोलिया और अन्य एशियाई देशों तक विस्तारित होगी, जिससे इस महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय वार्तालाप का दायरा और व्यापक होगा।

(वनिता)

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