रनआईच्याओ की स्थिति पर चीन का रुख
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने हाल में रनआईच्याओ की स्थिति पर नियंत्रण करने के बारे में चीन और फिलीपींस की अस्थायी व्यवस्था के बारे में संवाददाताओं के सवालों का जवाब दिया।
प्रवक्ता ने कहा कि रनआईच्याओ चीन के नानशा द्वीप का एक भाग है। रनआईच्याओ समेत नानशा द्वीप और इसके आसपास समुद्री क्षेत्रों पर चीन की प्रभुसत्ता है। रनआईच्याओ की वर्तमान स्थिति के निपटारे में चीन ने सार्वजनिक रूप से तीन सैद्धांतिक रुख पेश किए हैं।
पहला, फिलीपींस की लंबे समय तक रनआईच्याओ में युद्धपोत तैनात करने की कार्रवाई चीन की प्रभुसत्ता का अतिक्रमण है और दक्षिण चीन सागर से जुड़े विभिन्न पक्षों के आचरण पर घोषणा का उल्लंघन है। चीन फिर से फिलीपींस से युद्धपोत हटाने की मांग करता है, ताकि रनआईच्याओ में लोगों और सुविधाओं के बिना की मूल स्थिति बहाल हो सके।
दूसरा, फिलीपींस के युद्धपोत के हटने से पहले अगर फिलीपींस इसमें रहने वाले लोगों को दैनिक आवश्यकताएं देना चाहता है, तो चीन मानवीय दृष्टि से पूर्व सूचना मिलने और साइट पर सत्यापन करने के बाद फिलीपींस को आपूर्ति सामग्री का परिवहन करने की अनुमति देगा और पूरी प्रक्रिया की निगरानी करेगा।
तीसरा, अगर फिलीपींस युद्धपोत पर बड़ी मात्रा में निर्माण सामग्री पहुंचाना चाहता है और निश्चित संस्थापन व स्थायी चौकी के निर्माण की कोशिश करता है, तो चीन बिल्कुल उसे स्वीकार नहीं करेगा और कानून के अनुसार सख्ती से रोकेगा, ताकि चीन की प्रभुसत्ता और दक्षिण चीन सागर से जुड़े विभिन्न पक्षों के आचरण पर घोषणा की प्रतिष्ठा की रक्षा की जा सके।
उक्त तीन सैद्धांतिक रुख के आधार पर चीन ने हाल में फिलीपींस के साथ विचार-विमर्श किया और अस्थायी व्यवस्था पर सहमति कायम की। दोनों पक्ष समुद्री मतभेद पर नियंत्रण कर दक्षिण चीन सागर की स्थिति को शांत बनाने पर सहमत हुए।
(ललिता)