कविता और विचार: ब्रिक्स देशों के युवा कवियों के बीच संवाद और अनुवाद

2024-07-21 15:57:38

"पहला अंतर्राष्ट्रीय युवा कविता महोत्सव (ब्रिक्स देशों के लिए विशेष सत्र)" के दौरान, "कविता में नवाचार" विषय पर एक अकादमिक संवाद 20 जुलाई को दोपहर बाद चच्यांग प्रांत के हांगचो शहर में आयोजित हुआ।

चीन, भारत, ब्राजील, रूस, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात, ईरान और इथियोपिया सहित 10 ब्रिक्स देशों के 20 कवियों ने एक साथ मिलकर "जिंदगी का तजुर्बा, प्यार और उम्मीद का रंग", "शाश्वत नवीन है, कविता लिखना नवीन है", "क्या कविता का ईश्वर नये ईश्वर पर विजय पा सकता है?", और "स्थानीय और व्यक्तिगत स्वर" चार विषयों को लेकर अपने-अपने अनुभव साझा किया और विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने आज की दुनिया में कविता की भूमिका, कार्य और नवप्रवर्तन की संभावनाओं पर गहन रूप से विचार-विमर्श किए।

मिस्र से आई कवयित्री नगत अली ने कहा कि कवि का मिशन सीधे रास्ते पर चलना नहीं है, न ही पारंपरिक साहित्यिक मॉडलों का आँख बंद करके सम्मान करना है। उनके विचार में कवियों को भाषा का निर्माता और विध्वंसक होना चाहिए, सच्ची नवीनता हासिल करने के लिए लगातार अपने पूर्ववर्तियों पर सवाल उठाना चाहिए और उनसे आगे निकलना चाहिए।

वहीं, भारतीय कवि निखिलेश मिश्रा ने अपने भाषण में थांग राजवंश में सुप्रसिद्ध कवि चांग च्युलिंग की कविता "इस क्षण में हम एक साथ हैं" का उपयोग करके वैश्वीकरण के युग में कविता के महत्व और नवप्रवर्तन की संभावनाओं की खोज की। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के तेजी से विकास के बावजूद, सामान्य मानवीय भावनाओं और अनुभवों को व्यक्त करने वाली कला के रूप में कविता का मूल मूल्य नहीं बदला है।

निखिलेश मिश्रा ने मेन्सियस के शब्दों "दुःख में जन्म लो, सुख में मरो" को उद्धृत किया और कहा, "कविता में सबसे आवश्यक नवाचार दुःख की ओर यात्रा है, हर आवाज़ को चुप्पी तोड़ने लायक बनाया जाए, और कविता की हर पंक्ति को अधिक वास्तविक और मानवीय बनाया जाए।"

उधर, चीनी कवि ल्यांग शूचंग ने अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कविता की वास्तविक नवीनता भाषा और रूप में बदलाव में नहीं है, बल्कि इसमें है कि क्या वह जीवन के सार और सार्वभौमिक मूल्य को छू सकती है, और हृदय के प्रेम से जीवन की गहरी समझ पैदा कर सकती है।

मौजूदा संवाद सम्मेलन में कवियों ने अद्भुत भाषण और मार्मिक कविताएँ पेश कीं। उनका मानना है कि कविता संचार और आदान-प्रदान को बढ़ावा दे सकती है। संचार का एक पुल बनाने के माध्यम के रूप में कविता का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों और विभिन्न मान्यताओं के लोगों को एक साथ ला सकता है, दुनिया में अंतर को सहन कर सकता है, मतभेदों को पाट सकता है, दुनिया के रंगों को समृद्ध कर सकता है, और "अंतर लेकिन सद्भाव, एक साथ सौंदर्य का साझाकरण" प्राप्त कर सकता है।

(श्याओ थांग)

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