अमेरिका के कथित तिब्बत संबंधी अधिनियम पर तिबब्त स्वायत्त प्रदेश जन प्रतिनिधि सभा की स्थाई समिति का बयान

2024-07-14 16:20:59

तिब्बत स्वायत्त प्रदेश जन प्रतिनिधि सभा की स्थाई समिति ने 13 जुलाई को अमेरिका के कथित तिब्बत संबंधी अधिनियम पर एक बयान जारी कर कहा कि इस अधिनियम ने खुले तौर पर अंतरराष्ट्रीय कानून को पैरों तले रौंद कर चीन के आंतरिक मामले में उद्दंडतापूर्वक दखलदाजी की और ऐतिहासिक तथ्यों को गंभीर ढंग से तोड़-मरोड़ कर पेश किया ।अमेरिका का असली इरादा चीन को नियंत्रित करना ,कथित तिब्बत सवाल का अंतररष्ट्रीयकरण करना और कथित तिब्बती स्वतंत्रता की समर्थन शक्ति को गलत संकेत भेजना है ।तिब्बत की विभिन्न जातियों की जनता इसके प्रति जबरदस्त क्रोध करती है और इसका डटकर विरोध करती है ।

बयान में कहा गया कि चीन एक एकतापूर्ण बहुजातीय देश है ।तिब्बत प्राचीन समय से ही चीन का एक अभिन्न अंग है ।तिब्बती जाति चीनी राष्ट्र की एक अहम सदस्य है ।तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति के बाद सीपीसी के नेतृत्व में तिब्बत की विभिन्न जातियों की जनता ने बाहरी शक्ति से तिब्बत को चीन से अलग करने की कुचेष्टा को नाकाम किया और राष्ट्र की प्रभुसत्ता और प्रादेशिक अखंडता की सुरक्षा की ।तिब्बत में सामंती भूदास व्यवस्था पूरी तरह रद्द की गयी और लाखों भू-दासों को मुक्ति मिली ।समाजवादी व्यवस्था की स्थापना और जातीय क्षेत्रीय स्वशासन व्यवस्था के कार्यांवयन ने तिब्बत की समृद्धि व प्रगति का नया अध्याय जोड़ा ।

बयान में कहा गया कि नये युग में तिब्बत के विभिन्न कार्यों में चौतरफा प्रगति और ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की गयी हैं ।आज के तिब्बत में राजनीतिक व सामाजिक स्थिरता ,आर्थिक विकास ,जातीय एकता ,धार्मिक सौहार्द ,बेहतर पारिस्तिकी ,मजबूत सीमांत क्षेत्र ,सुखमय जीवन के दृश्य दिखाई दे रहे हैं ।

बयान में कहा गया कि हम अमेरिकी कांग्रेस से अंतरराष्ट्रीय संबंधों के बुनियादी नियमों और अमेरिकी सरकार द्वारा किए गए इस वादे का पालन करने का अनुरोध करते हैं कि अमेरिकी सरकार तिब्बत को चीन का एक भाग मानती है और कथित तिब्बती स्वतंत्रता का विरोध करती है ।(वेइतुंग)   

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