चीन-नेपाल सीमावर्ती बंदरगाह अर्थव्यवस्था को त्वरित विकास हासिल हुआ
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश चीन और दक्षिण एशिया को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण रास्ता है, जो देश के खुलेपन की रणनीति में अहम भूमिका निभाता है।
चीन और नेपाल के सीमा पर शिकाजे शहर में चिलॉन्ग काउंटी तिब्बत के लिए "बेल्ट एंड रोड" के उच्च गुणवत्ता वाले संयुक्त निर्माण में एकीकृत होने और सेवा प्रदान करने वाले महत्वपूर्ण सीमा चिह्न है। हाल ही में चीन में निर्मित नई ऊर्जा वाहनों को बैचों में नेपाल तक भेजा जा रहा है।
इधर के सालों में, दक्षिण एशिया का सामना करते हुए, चिलॉन्ग बंदरगाह का आयात और निर्यात व्यापार मात्रा साल दर साल बढ़ रही है। चंगचो, छोंगछिंग, सूचो, छांगचो आदि स्थलों में निर्मित नई ऊर्जा वाहनों को लगातार चिलॉन्ग पोर्ट तक पहुंचाया जाता है। साल 2020 में, इस पोर्ट के माध्यम से केवल 3 ब्रांडों वाले 39 नई ऊर्जा वाहनों का निर्यात किया गया था, जो अब 10 से अधिक ब्रांडों तक विस्तारित हो गया है।
आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष 30 जून तक, चिलॉन्ग बंदरगाह का निर्यात व्यापार मूल्य 47 करोड़ युआन था, जो इतिहास में इसी अवधि के लिए एक रिकॉर्ड उच्च है, जो पूरे तिब्बत क्षेत्र का 60 प्रतिशत से अधिक है।
इसके अलावा, चिलॉन्ग पोर्ट के आसपास, कई सीमावर्ती गांवों को सीमा पोर्ट अर्थव्यवस्था के विकास से भी लाभ मिला है। इन गांवों का प्राकृतिक दृश्य बहुत सुन्दर है, जहां कई स्व-ड्राइविंग पर्यटकों को आकर्षित किया गया। इस साल मई दिवस की छुट्टियों के दौरान, कैंप ग्राउंड में केवल पांच दिनों में 1,000 से अधिक पर्यटक आए।
तिब्बत सक्रिय रूप से उच्च गुणवत्ता वाले विकास के लिए विशाल स्थान का विस्तार कर रहा है। साल 2023 में, तिब्बत का कुल आयात और निर्यात व्यापार ऐतिहासिक रूप से 10 अरब युआन से अधिक हो गया। सीमावर्ती बंदरगाह अर्थतंत्र के विकास और देश में खुलेपन के विस्तार के चलते चीन-नेपाल सीमांत क्षेत्रों में तिब्बती लोगों का जीवन दिन-ब-दिन समृद्ध होता जा रहा है।
(श्याओ थांग)