छिंगहाई-तिब्बत रेलवे ने 18 वर्षों में 30 करोड़ यात्रियों को परिवहन किया
1 जुलाई को छिंगहाई-तिब्बत रेलवे की 18वीं वर्षगांठ है, जो इंजीनियरिंग का एक चमत्कार है और दुनिया की सबसे ऊंची, सबसे लंबी और सबसे तेज पठार रेलवे के रूप में प्रसिद्ध है। जून 2024 तक, इस उल्लेखनीय रेलवे ने 30 करोड़ 90 लाख यात्रियों को सुरक्षित रूप से परिवहन किया।
छिंगहाई प्रांत की राजधानी शीनिंग को तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा से जोड़ते हुए, रेलवे ने 1 जुलाई, 2006 को परिचालन शुरू किया। इसने रेलवे निर्माण में एक नए युग की शुरुआत की, महत्वपूर्ण रसद चुनौतियों पर काबू पाया और परिवहन की बाधा को तोड़ा जो कभी छिंगहाई-तिब्बत पठार के विकास में बाधा डालती थी। इस रेलवे के पूरा होने से तिब्बत का राष्ट्रीय रेलवे नेटवर्क से अलग-थलग रहने का इतिहास खत्म हो गया।
अपनी स्थापना के बाद से, छिंगहाई-तिब्बत रेलवे ने यात्रियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है, जो साल 2006 में 64 लाख 82 हज़ार से बढ़कर साल 2023 में 2 करोड़ 70 लाख से अधिक हो गई है। यात्री परिवहन के अलावा, रेलवे ने कार्गो परिवहन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, 1 जुलाई, 2006 से 30 जून, 2024 तक कुल 91 करोड़ 30 लाख टन माल की ढुलाई की है। परिवहन किए गए कार्गो की मात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो 2006 में करीब ढाई करोड़ टन से बढ़कर साल 2023 में लगभग 7 करोड़ 42 लाख टन हो गई है।
(श्याओ थांग)