शी चिनफिंग : छिंगहाई-तिब्बत पठार पर पारिस्थितिक संरक्षण और उच्च गुणवत्ता वाला विकास बढ़ाएं

2024-06-20 16:27:46

चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने हाल में चीन के छिंगहाई का निरीक्षण दौरा किया। उन्होंने कहा कि छिंगहाई प्रांत को विकास की नयी विचारधारा का व्यापक कार्यान्वयन करते हुए राष्ट्रीय विकास में अपनी श्रेष्ठता का फायदा उठाने से सुधार, खुलेपन, पारिस्थितिकी, हरित विकास, जातीय एकता और समान समृद्धि को बढ़ाना चाहिए। छिंगहाई-तिब्बत पठार पर पारिस्थितिक संरक्षण और उच्च गुणवत्ता वाले विकास में नयी प्रगति करने का प्रयास करना होगा।

शी चिनफिंग ने 18 जून को दोपहर बाद गोलुओ शिनिंग जातीय मिडिल स्कूल का दौरा किया। यह स्कूल शांगहाई शहर की सहायता से निर्मित हुआ है। शी चिनफिंग ने स्कूल की स्थिति के बारे में पूछा, कैंटीन और छात्रावास भवन का दौरा किया और कक्षा के दौरान भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि शिक्षा आदि क्षेत्रों में देश के पूर्वी और पश्चिमी इलाकों के बीच सहयोग और समर्थन की उल्लेखनीय उपलब्धियां मिली हैं। इससे सीपीसी के नेतृत्व और चीनी विशेषता वाले समाजवाद की श्रेष्ठता जाहिर हुई। शी चिनफिंग ने आशा जतायी कि सभी छात्र मेहनत से पढ़ाई करेंगे और देश के निर्माण में योगदान करेंगे।

उसके बाद शी चिनफिंग ने शिनिंग शहर स्थित होंगच्वुए मंदिर का दौरा किया। उन्होंने कहा कि होंगच्वुए मंदिर का हजारों वर्षों का लंबा इतिहास रहा है। इस अनमोल ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत की रक्षा करते हुए चीनी राष्ट्रीय समुदाय की जागरूकता और जातीय एकता व प्रगति में नया योगदान किया जाएगा। आशा है कि छिंगहाई में तिब्बती बौद्ध धर्म जगत सामाजिक और जातीय सामंजस्य बढ़ाएगा और चीनी शैली के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभाएगा।

फिर 19 जून को सुबह शी चिनफिंग ने छिंगहाई की पार्टी समिति और सरकार की कार्य रिपोर्ट सुनी और छिंगहाई में मिली प्रगति की प्रशंसा की। शी चिनफिंग ने कहा कि छिंगहाई प्रांत पारिस्थितिक सुरक्षा की रक्षा करने का महत्वपूर्ण मिशन निभाता है। स्थानीय विशेषता और श्रेष्ठता को दिखाने वाली आधुनिक औद्योगिक व्यवस्था की स्थापना करनी होगी। छिंगहाई-तिब्बत पठार की पारिस्थितिक व्यवस्था समृद्धि और विविध है, लेकिन कमजोर भी है। पारिस्थितिक पर्यावरण का संरक्षण मजबूत कर पारिस्थितिक कार्यों को अधिकतम करना यहां का मुख्य काम है। इसके साथ नागरिक जीवन की गारंटी व इसमें सुधार करने के साथ जातीय और धार्मिक कार्य को अच्छे से करना चाहिए।

(ललिता)

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