ताई ची और योग: चीन और भारत की उत्कृष्ट संस्कृतियों के बीच दोतरफा यात्रा

2024-06-19 09:38:18

ताई ची, प्राचीन चीनी मार्शल आर्ट परंपरा से ली गई एक प्रथा है जो शरीर पर नियंत्रण, श्वास नियमन और आंतरिक संतुलन को एकीकृत करती है। वहीं, योग भी एक प्राचीन शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास है जिसकी उत्पत्ति भारत में हुई है।

ताई ची या योग का अभ्यास न केवल शरीर को मजबूत करता है और तनाव से राहत देता है, बल्कि लोगों की आंतरिक शांति में भी सुधार करता है और मानसिक स्वास्थ्य को अच्छा रखता है। आज, चीन में अधिक से अधिक लोग ताई ची या योग के अभ्यास के माध्यम से आराम और व्यायाम कर रहे हैं। कई अभ्यासकर्ता इन दोनों को एक साथ मिलाकर ताई ची योग नामक एक व्यायाम बनाते हैं, जो दोनों व्यायामों की समावेशिता और एकता को दर्शाता है।

योग के व्यापक आकर्षण को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने 11 दिसंबर 2014 को एक प्रस्ताव पारित कर 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में निर्धारित किया। इस वर्ष 10वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस है।

दक्षिण-पश्चिमी चीन के युन्नान प्रांत में युन्नान मिनत्सु विश्वविद्यालय में, चीन में भारत द्वारा स्थापित पहला योग कॉलेज है- चीन-भारत योग कॉलेज। इस कॉलेज की प्रधान छन च्ये ने जानकारी देते हुए कहा कि कॉलेज सामान्य अर्थों में योग प्रशिक्षकों या ताई ची प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित नहीं करता है, बल्कि योग और ताई ची की नींव रखने वाले चीनी-भारतीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान और प्रसार दूतों को प्रशिक्षित करता है। उनके विचार में चीन-भारत योग कॉलेज दोनों देशों के लोगों से लोगों के बीच स्थापित कूटनीतिक पुल की तरह है।

छन च्ये ने परिचेय देते हुए कहा कि युन्नान मिनत्सु विश्वविद्यालय ने भारत के विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग कर चीन में चीन-भारत योग कॉलेज और भारत में अंतर्राष्ट्रीय ताई ची केंद्र की स्थापना की। प्राचीन भारतीय संस्कृति के आनुवंशिक कोड के रूप में योग को चीन में लाया गया, और उत्कृष्ट चीनी संस्कृति के रूप में ताई ची को भारत तक पहुंचाया गया, यह दो प्राचीन पूर्वी सभ्यताओं की उत्कृष्ट संस्कृतियों के बीच दो तरफा यात्रा है।  

(श्याओ थांग)

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