खुलेपन से लिज़ी पोर्ट के व्यापार विकास को मिला बढ़ावा
लिज़ी पोर्ट 13 नवंबर 2023 को आधिकारिक तौर पर खोला गया। यह तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में बाहरी दुनिया के लिए खुला सबसे नया बंदरगाह है।
ल्हासा सीमा शुल्क से 13 जून को मिली खबर के अनुसार, खुलने के बाद से, लिज़ी पोर्ट से 15,630 किलो नमक और 1,068 जीवित भेड़ों का निर्यात किया जा चुका है। इस वर्ष जनवरी से मई तक, इस बंदरगाह के माध्यम से 7,314 स्थानीय सीमा निवासियों और 4 पर्यटकों का आवागन हुआ, आयात-निर्यात व्यापार मूल्य 20 लाख 93 हज़ार 6 सौ युआन रहा।
तिब्बती भाषा में लिज़ी का अर्थ "उंगलियां और चोटियां" होता है, समुद्र सतह से 4,700 मीटर पर स्थित यह स्थल शिकाजे शहर की चोंगपा काउंटी में स्थित है और नेपाल की सीमा से लगा हुआ है। लिज़ी पोर्ट चीन और दक्षिण एशिया के बीच नया व्यापार गलियारा है, खुलने के बाद निर्यात माल बंदरगाह के माध्यम से नेपाल के दूसरे सबसे बड़े शहर पोखरा तक पहुंचा जा सकता है।
बताया गया है कि शिकाज़े सीमा शुल्क "नमक और भेड़" जैसे पारंपरिक सीमा व्यापार उत्पादों की विशेषताओं पर ध्यान केंद्रित करता है। जीवित भेड़ और खनिज नमक के निर्यात व्यापार का सक्रिय रूप से समर्थन करता है। इससे स्थानीय सीमा निवासियों और नमक कंपनियों को बंदरगाह के खुलने से वास्तविक सुविधा मिलती है।
लंबे समय से, लिज़ी पोर्ट चीन-नेपाल सीमा पर निवासियों के बीच लेनदेन का एक महत्वपूर्ण माध्यम रहा है, और इसे "नमक-भेड़ प्राचीन मार्ग" के रूप में जाना जाता है। इस बंदरगाह के खुलने से लंबे समय से स्थानीय सीमावर्ती लोगों द्वारा जानवरों को ले जाने और वस्तु विनिमय करने के पारंपरिक सीमा व्यापार मॉडल का एक व्यापक सुधार देखा गया है। इसने सीमा व्यापार को प्रभावी ढंग से समृद्ध किया है और सीमावर्ती लोगों के कल्याण में सुधार किया है।
(श्याओ थांग)