जापान के फुकुशिमा परमाणु दूषित पानी को समुद्र में छोड़े जाने पर चीन का विचार

2024-06-08 16:09:54

अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी स्थित चीन के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत ली सोंग ने 7 जून को अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक में भाषण देते हुए जापान के फुकुशिमा परमाणु दूषित पानी को समुद्र में छोड़े जाने के मुद्दे पर चीन के रुख और प्रस्ताव पर प्रकाश डाला।

   ली सोंग ने कहा कि जापान के फुकुशिमा परमाणु दूषित पानी को समुद्र में छोड़े जाने का मुद्दा अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए बड़ी चिंता का विषय बना गया है और पड़ोसी देशों के लोगों की कड़ी चिंताएँ और विरोध कभी कम नहीं हुआ है। अभी इसी सप्ताह अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक के दौरान, जापान ने एक बार फिर परमाणु-दूषित पानी को छठी बार समुद्र में छोड़ दिया। इस बात पर जोर दिया जाना चाहिए कि जापान जितना अधिक परमाणु अपशिष्ट जल छोड़ेगा, उतना ही अधिक वह अपनी नैतिक जिम्मेदारी से छुटकारा पाने में असमर्थ होगा। हालाँकि जापान ने परमाणु अपशिष्ट जल को समुद्र में छोड़े जाने को उचित ठहराने के लिए हर संभव प्रयास किया है, तथाकथित "उपचारित पानी" की सुरक्षा पर जोर दिया, लेकिन अब तक यह फुकुशिमा परमाणु-दूषित जल शोधन उपकरण की दीर्घकालिक विश्वसनीयता, वर्तमान निगरानी व्यवस्था की समग्र प्रभावशीलता और उत्सर्जन के प्रभाव की अनिश्चितता जैसी चिंताओं की कोई ठोस व्याख्या नहीं कर पाया है।

   ली सोंग ने कहा कि पिछले साल से, चीन ने समुद्री पर्यावरण, मानव स्वास्थ्य और चीनी लोगों के लिए अत्यधिक जिम्मेदार होने की स्थिति से एक दीर्घकालिक अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षण और निगरानी तंत्र की स्थापना की स्पष्ट रूप से वकालत की है। इस तरह की अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षण जापानी सरकार की नियामक जिम्मेदारियों और जापान के परमाणु ऊर्जा संचालन विभागों की निगरानी जिम्मेदारियों को प्रतिस्थापित नहीं करेगी, बल्कि इस आधार पर जापान की सख्त, स्वतंत्र और प्रभावी अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षण को लागू करेगी।ऐसी व्यवस्था अंतर्राष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की आधिकारिक स्थिति और भूमिका को और मजबूत करने के लिए अनुकूल है, और जापान और जापानी लोगों के मूल हितों के अनुरूप भी है।

(वनिता)

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