संयुक्त राष्ट्र ने सभ्यताओं के बीच संवाद के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस की स्थापना के लिए चीन का प्रस्ताव पारित किया

2024-06-08 16:12:47

7 जून को, संयुक्त राष्ट्र ने सभ्यताओं के बीच संवाद के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस की स्थापना के लिए चीन का प्रस्ताव पारित किया।

प्रस्ताव में कहा गया है कि सभी सभ्यतागत उपलब्धियां "मानव जाति की सामूहिक विरासत" हैं। प्रस्ताव सभ्यताओं की विविधता का सम्मान करने की वकालत करता है, तथा विश्व शांति बनाए रखने, साझा विकास को बढ़ावा देने, मानव कल्याण को बढ़ाने और सामूहिक प्रगति हासिल करने में सभ्यताओं के बीच "वार्ता की महत्वपूर्ण भूमिका" पर बल देता है। प्रस्ताव में विभिन्न सभ्यताओं के बीच "समान संवाद और पारस्परिक सम्मान" का आह्वान किया गया है, जो वैश्विक सभ्यता पहल के मूल सार को पूर्णतः प्रतिबिंबित करता है। संयुक्त राष्ट्र 10 जून को सभ्यताओं के बीच संवाद के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में नामित करने का निर्णय लेता है।

संयुक्त राष्ट्र में चीन के स्थायी प्रतिनिधि फू छओंग ने कहा कि वर्तमान में दुनिया में कई संकट और चुनौतियाँ आपस में जुड़ी हुई हैं और दुनिया अशांति और परिवर्तन के एक नए दौर में प्रवेश कर चुकी है, मानव समाज एक बार फिर इतिहास के चौराहे पर पहुँच गया है। इस पृष्ठभूमि में, चीन सभ्यताओं के बीच संवाद के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के प्रस्ताव की स्थापना कर रहा है, जिसका उद्देश्य भेदभाव और पूर्वाग्रह को खत्म करने, समझ और विश्वास को बढ़ाने, लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने और एकता एवं सहयोग को मजबूत करने में सभ्य संवाद की महत्वपूर्ण भूमिका को पूरा करना और आम चुनौतियों से निपटने के लिए मानव समाज की एकता में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करना है। यह बहुपक्षवाद और संयुक्त राष्ट्र के काम के लिए चीन के दृढ़ समर्थन को दर्शाता है, और बदलाव की सदी से गुज़र रहे एक बड़े देश के रूप में चीन की ज़िम्मेदारी को उजागर करता है।

(आशा)

रेडियो प्रोग्राम