चीन के शिनच्यांग में आधुनिक तकनीक से वैज्ञानिकों ने बंजर ज़मीन को बनाया उपजाऊ

2024-06-04 12:32:01

चीन एक कृषि प्रधान देश है, जहां विभिन्न तरह की फसलें खूब होती हैं। गेहूं व चावल आदि अनाज बड़ी मात्रा में होता है। कई खाद्य पदार्थों के उत्पादन के मामले में चीन विश्व में पहले स्थान पर है। चीन ने कृषि के क्षेत्र में तकनीक का व्यापक तौर पर इस्तेमाल किया है, जिसके कारण चीन में उत्पादन में लगातार इजाफा हो रहा है। चीन न केवल अपने देश के नागरिकों को भरपेट खाना खिलाने में सक्षम है, बल्कि अन्य देशों में खाद्य पदार्थों का निर्यात करता है।

हाल के वर्षों में चीन ने व्यापक बंजर भूमि को उपजाऊ व हरी-भरी जमीन के रूप में तब्दील करने का काम किया है। राजधानी पेइचिंग से सटे हबेई प्रांत के सैहान्पा में रेतीले इलाके को जंगल बना दिया गया है। इसी तरह से चीनी वैज्ञानिक उत्तर-पश्चिमी चीन के शिनच्यांग उइगुर स्वायत्त क्षेत्र में बंजर भूमि को आबाद करने की कोशिश में लगे हैं। बताया जाता है कि इसके लिए आधुनिक और उन्नत ग्रीनहाउस तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

दक्षिण शिनच्यांग के होटन में दस हज़ार एकड़ क्षेत्र में ग्रीनहाउस का निर्माण किया गया है। इतने विशाल क्षेत्र में बंजर इलाके में ग्रीनहाउस के जरिए धान की खेती की जा रही है। इस रेगिस्तानी इलाके में पहली बार धान की फसल हुई है, जिसकी कटाई की गयी है।

बताया जाता है कि चीनी कृषि विज्ञान अकादमी के शहरी कृषि संस्थान के वैज्ञानिकों ने हाल में रेगिस्तान में उगाई धान की फसल की पहली बैच की कटाई कराई है। वैज्ञानिक यांग छीछांग ने बताया कि, धान की पैदावार रेगिस्तानी ग्रीनहाउस में सटीक पर्यावरण नियंत्रण के साथ तीन परत फ्रेम पर की जाती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह पारंपरिक फसल की तुलना में जल्दी तैयार हो जाती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि सिर्फ दो महीने में ही इसकी कटाई कर ली जाती है।

कहा जा रहा है कि यह उपलब्धि सछ्वान प्रांत के छंगदू में प्लांट फैक्ट्री में मिली सफलता पर आधारित थी। जहां वैज्ञानिकों की टीम ने वर्ष 2021 में स्पीड ब्रीडिंग तकनीक के जरिए पहली बार फसल तैयार होने के समय को आधा करने में सफलता पायी थी। 

वैज्ञानिकों का कहना है कि शिनच्यांग के होटन रेगिस्तान में मुश्किल और कठोर जलवायु बाधा बनने के बजाय अवसर प्रदान करती है। इस क्षेत्र की अनोखी भौगोलिक विशेषताएं, जहां लंबे समय तक धूप रहती है। लेकिन दिन और रात के तापमान में काफी अंतर रहता है, जो कि इस तरह की फसलों के लिए आदर्श स्थिति प्रदान करते हैं।

इससे पता चलता है कि चीन में किस तरह से कृषि के क्षेत्र में नए-नए प्रयोग हो रहे हैं। साथ ही आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल भी किया जा रहा है। जिससे बेकार पड़ी ज़मीन पर भी फसलें उगाई जाने लगी हैं। यह चीन के साथ-साथ विश्व के अन्य देशों के लिए भी एक अच्छी खबर है।

(अनिल पांडेय)

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