भूमि से घिरे विकासशील देशों के लिए संयुक्त अंतर्राष्ट्रीय समर्थन अपरिहार्य है: चीन

2024-06-04 10:25:14

संयुक्त राष्ट्र में चीन के उप स्थायी प्रतिनिधि ताई पिंग ने 3 जून को भूमि से घिरे विकासशील देशों पर तीसरे संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के लिए अंतर-सरकारी तैयारी समिति की दूसरी बैठक में भूमि से घिरे विकासशील देशों के लिए संयुक्त अंतर्राष्ट्रीय समर्थन की अपरिहार्य आवश्यकता पर जोर दिया।

अपने संबोधन में, ताई पिंग ने आज की दुनिया के सामने आने वाले कई संकटों और चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा को लागू करने में काफी देरी हुई है, जिससे कई भूमि से घिरे विकासशील देश अद्वितीय विकास संबंधी दुविधाओं में फंस गए हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि इससे सतत विकास की खोज और भी कठिन हो जाती है। इसलिए, इन देशों के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और समर्थन महत्वपूर्ण है।

ताई पिंग ने दोहराया कि सबसे बड़े विकासशील देश के रूप में चीन भूमि से घिरे विकासशील देशों के पुनरोद्धार और विकास को बहुत महत्व देता है और सक्रिय रूप से इसका समर्थन करता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अपने विशाल अंतर्देशीय क्षेत्रों के साथ, चीन विकास में कनेक्टिविटी और क्षमता निर्माण की महत्वपूर्ण भूमिका को समझता है। "बेल्ट एंड रोड" और वैश्विक विकास पहल जैसी पहलों के माध्यम से, चीन विभिन्न क्षेत्रों में भूमि से घिरे विकासशील देशों के साथ व्यावहारिक सहयोग जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है। इस सहयोग का उद्देश्य "वियना घोषणा-पत्र और कार्य योजना" के व्यापक कार्यान्वयन में सकारात्मक योगदान देना है।

बता दें कि भूमि से घिरे विकासशील देशों पर तीसरा संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन 18 से 21 जून तक रवांडा की राजधानी किगाली में आयोजित होने वाला है।

(आलिया)

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