फिलिस्तीन मुद्दे पर चीन और अरब देशों का संयुक्त बयान

2024-05-31 16:41:41

चीन-अरब देश सहयोग मंच का 10वां मंत्रिस्तरीय सम्मेलन 30 मई को पेइचिंग में आयोजित हुआ। दोनों पक्षों ने फिलिस्तीन मुद्दे पर गहन रूप से विचार-विमर्श किया।

दोनों पक्षों का मानना है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के नंबर 2728 प्रस्ताव समेत सुरक्षा परिषद और संयुक्त राष्ट्र महासभा के संबंधित प्रस्तावों का व्यापक और कारगर कार्यान्वयन करना होगा। इसके साथ गाजा पट्टी में शीघ्र ही युद्धविराम और फिलिस्तीन मुद्दे के शीघ्र ही व्यापक, न्यायसंगत व स्थायी समाधान करने की जरूरत है। दोनों पक्षों ने निम्न सहमतियां कायम कीं।

पहला, दोनों पक्ष फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ इजराइल के लगातार उल्लंघन की निंदा करते हैं।

दूसरा, दोनों पक्ष राफा शहर पर आक्रमण और शरणार्थी शिविरों पर बमबारी व राफा बंदरगाह पर नियंत्रण करने की कार्रवाई की निंदा करते हैं।

तीसरा, दोनों पक्ष फिलिस्तीनी लोगों को उनकी भूमि से बाहर जबरन स्थानांतरित करने की योजना, इरादा और कार्रवाई का विरोध करते हैं।

चौथा, दोनों पक्ष सुरक्षा परिषद से बाध्यकारी प्रस्ताव बनाने की मांग करते हैं और अमेरिका से फिलिस्तीन के यूएन का औपचारिक सदस्य बनने से रोकने के लिए वीटो का प्रयोग करने की निंदा करते हैं।

पांचवां, दोनों पक्ष अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का समर्थन करते हैं। कब्जा करने वाले इजराइल को गाजा में गंभीर मानवीय स्थिति के लिए ज़िम्मेदारी निभानी है।

छठा, अरब पक्ष ने जोर दिया कि 11 नवंबर 2023 को रियाद में आयोजित अरब-इस्लामिक देशों के संयुक्त विशेष शिखर सम्मेलन में संपन्न प्रस्ताव का कार्यान्वयन करना होगा। चीन इसे समझता है।

सातवां, दोनों पक्षों ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए अपरिवर्तनीय कदम उठाने की अपील की। दो-राज्य प्रस्ताव फिलिस्तीन मुद्दे के समाधान का एकमात्र व्यवहारिक रास्ता है।

आठवां, दोनों पक्षों ने और बड़े, अधिक प्रतिष्ठित और अधिक प्रभावी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का शीघ्र आयोजन करने की अपील की। मान्यता प्राप्त अंतर्राष्ट्रीय सिद्धांत के आधार पर आधिकारिक शांति प्रक्रिया शुरू करनी होगी।

नौवां, दोनों पक्ष मान्यता प्राप्त अंतर्राष्ट्रीय सिद्धांत के अनुसार गाजा पट्टी, जोर्डन नदी के पश्चिमी तट और पूर्वी येरूशलम में कर्तव्य निभाने का समर्थन करते हैं।

दसवां, दोनों पक्ष संयुक्त राष्ट्र महा सभा के A/RES/ES-10/23 प्रस्ताव का स्वागत करते हैं।

ग्यारहवां, दोनों पक्षों ने बंद होने से बचाने के लिए यूएनआरडब्लूए का समर्थन करने की अपील की।

बारहवां, दोनों पक्ष हाल में कई देशों द्वारा फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देने का स्वागत करते हैं।

तेरहवां, अरब पक्ष लंबे समय से द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अवसरों पर फिलिस्तीन का समर्थन करने के लिए चीन की प्रशंसा करता है।

चौदहवां, दोनों पक्षों ने जोर दिया कि यरूशलेम की वर्तमान स्थिति बदलने का इजराइल का एकतरफा कदम अमान्य है।

पंद्रहवां, दोनों पक्षों ने इजराइल सरकार की लक्षित बस्तियां योजना की निंदा की।

सोलहवां, दोनों पक्ष यरूशलेम समिति के अध्यक्ष होने के नाते मोरक्को के महामहिम राजा मोहम्मद छठे के प्रयास का समर्थन करते हैं।

सत्रहवां, दोनों पक्ष गाजा पट्टी में उल्लंघन के प्रभाव के मुकाबले में मिस्र के सभी कदमों का समर्थन करते हैं।

अठारहवां, दोनों पक्ष स्थायी युद्धविराम बढ़ाने में मिस्र और कतर के संयुक्त प्रयास का समर्थन करते हैं।

उन्नीसवां, दोनों पक्ष सुरक्षा परिषद के गैर-स्थायी सदस्य होने के दौरान फिलिस्तीन मुद्दे से जुड़े मामलों पर अल्जीरिया और संयुक्त अरब अमीरात की भूमिका की प्रशंसा करते हैं।

बीसवां, दोनों पक्ष फिलिस्तीन के अनाथों की सहायता करने के लिए कतर के प्रधानमंत्री और विदेशमंत्री की अपील की प्रशंसा करते हैं।

इक्कीसवां, दोनों पक्ष राजनीतिक और भौतिक पहलू पर फिलिस्तीन मुद्दे के समर्थन में अल्जीरिया की सक्रिय कोशिश की प्रशंसा करते हैं।

(ललिता)

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