डब्ल्यूएचओ में थाईवान से संबंधित मुद्दों पर राजनीतिक हेरफेर विफल होने के लिए अभिशप्त है:चीनी प्रतिनिधि

2024-05-28 10:52:44

27 मई को, 77वीं विश्व स्वास्थ्य संगठन महा सभा ने असेंबली के एजेंडे में "थाईवान को डब्ल्यूएचओ में एक पर्यवेक्षक के रूप में भाग लेने के लिए आमंत्रित करने" के लिए कई देशों द्वारा रखे गए तथाकथित प्रस्ताव को शामिल करने से इनकार करने का फैसला किया।

जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय और स्विट्जरलैंड में अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों में चीन के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत छन शू ने जेनेवा में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि डब्ल्यूएचओ ने लगातार आठ वर्षों से थाईवान से संबंधित प्रस्तावों को खारिज कर दिया है। “थाईवान की स्वतंत्रता” का कोई रास्ता नहीं है। थाईवान से जुड़े डब्ल्यूएचओ के प्रस्तावों पर राजनीतिक चालें अलोकप्रिय हैं, और एक-चीन सिद्धांत को चुनौती देने का कोई भी प्रयास अंततः विफल हो जाएगा।

दुनिया में केवल एक चीन है, थाईवान चीन का हिस्सा है, और पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की सरकार पूरे चीन का प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र कानूनी सरकार है। यह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की आम सहमति है और किसी भी प्रकार की विकृति या उकसावे को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। डब्ल्यूएचओ द्वारा थाईवान से संबंधित प्रस्तावों को अस्वीकार करना संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय संबंधों को नियंत्रित करने वाले बुनियादी मानदंडों की रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की व्यापक सहमति को दर्शाता है। कुछ देश और थाईवान के अधिकारी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के अधिकांश सदस्यों के विरोध में खड़े हैं और एक-चीन सिद्धांत को खोखला करने का प्रयास कर रहे हैं। यह अंतरराष्ट्रीय न्याय को कुचलना और अंतरराष्ट्रीय नियमों और व्यवस्था को गंभीर क्षति पहुंचाना है जिसकी अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा अनिवार्य रूप से कड़ी निंदा की जाएगी।

थाईवान चीन का थाईवान है, और थाईवान मुद्दे का समाधान चीनी लोगों का अपना मामला है और इसका निर्णय चीनी लोगों को ही करना चाहिए। हम कुछ देशों से एक-चीन सिद्धांत और चीन के प्रति अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धताओं का पालन करने और चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप बंद करने का आग्रह करते हैं। "चीन को नियंत्रित करने के लिए थाईवान का उपयोग करने" का कोई भी प्रयास अंततः पूरी तरह से विफल हो जाएगा, और इतिहास और समय की प्रवृत्ति, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की अपेक्षाओं और दुनिया के लोगों की इच्छा के खिलाफ जाने वाला कोई भी उकसावा अंततः विफल हो जाएगा।

(आशा)

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