चीन में एक ही टाइम ज़ोन क्यों है?

2024-05-28 10:55:23

क्या आप जानते हैं कि यूएसए में 9 टाइम ज़ोन हैं, रूस में 11 टाइम ज़ोन हैं, कनाड़ा में 6 टाइम ज़ोन हैं, यहाँ तक कि फ्रांस जैसे छोटे देश में 12 टाइम ज़ोन हैं, लेकिन 5000 किलोमीटर की दूरी तक फैले एक बड़े चीन में केवल 1 ही टाइम ज़ोन है। ऐसा क्यों? आइए, हम जानते हैं कि चीन एक ही टाइम ज़ोन का इस्तेमाल क्यों करता है और इसके पीछे क्या वजह है?

टाइम ज़ोन को समझना

आखिर यह टाइम ज़ोन होता क्या है। देखिए, पृथ्वी को 24 टाइम ज़ोन में बांटा गया है, हरेक टाइम ज़ोन अगले क्षेत्र से एक घंटा आगे है या पीछे है। जैसा कि हम सभी ने स्कूल में पढ़ा है कि हर 15 डिग्री के देशान्तर पर टाइम ज़ोन में एक घंटे का अंतर आ जाता है। इसका मतलब यह है कि हर घंटे पृथ्वी घूमती है, और पृथ्वी पर मौजूद जगह ग्लोब पर 15 डिग्री घूम जाते हैं।

तो इस हिसाब से देखें तो फिर चीन में 5 टाइम ज़ोन होने चाहिए। लेकिन विशाल भौगोलिक क्षेत्र के बावजूद चीन में एक ही टाइम ज़ोन है। दरअसल, साल 1949 से चीन एक ही टाइम ज़ोन का इस्तेमाल करता आया है, जिसे आमतौर पर बीजिंग के समय के तौर पर जाना जाता है।

अनेक टाइम ज़ोन से एक टाइम ज़ोन तक

साल 1949 में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना बनने से पहले, चीन में कई टाइम ज़ोन हुआ करते थे। लेकिन एक ही देश में अलग-अलग टाइम ज़ोन होने की वजह से कई परेशानियों का सामना करना पड़ता था... इसलिए इससे निपटने के लिए चीन की सरकार ने पूरे देश के लिए एक ही टाइम ज़ोन को अपना लिया। इससे देश के अंदर ट्रांसपोर्ट और कम्यूनिकेशन को कारगर बनाने में मदद मिली।

एक टाइम ज़ोन होने के फायदे

चलिए, अब बात करते हैं कि एक टाइम ज़ोन के क्या-क्या फायदे हैं।

पहला फायदा, आसान टाइमिंग: एक ही टाइम ज़ोन होने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अलग-अलग जगहों के लिए अलग-अलग समय देखना नहीं पड़ता। यह रोज़मर्रा के कामों को आसान बना देता है।

दूसरा फायदा है, कम्यूनिकेशन में सुविधा: जब पूरे देश में एक ही टाइम होगा तो किसी से भी बात करने से पहले Time Difference के बारे में सोचना नहीं पड़ेगा। इससे चीन के अंदर और बाकी देशों के साथ कम्यूनिकेशन में सुविधा मिलती है।

तीसरा फायदा है, उत्पादकता में बढ़ोतरी: एक ही टाइम ज़ोन होने से उत्पादकता को बढ़ाया जा सकता है, जैसे- सबका काम करने का वक्त एक ही होगा, work timings एक ही होंगे, तो मीटिंग्स और कॉल्स करने के लिए टाइम का ध्यान नहीं रखना पड़ेगा।

चौथा है, आर्थिक लाभ: एक ही टाइम ज़ोन होने से आर्थिक फायदा भी है, क्योंकि देश के अलग-अलग जगहों में बिसनेस के लिहाज से तालमेल बैठाना और synchronize करना सरल होता है। जाहिर सी बात है कि जब पूरे देश में एक ही टाइम रहेगा तो बिजनेस करने वालों को टाइम का अंदाजा लगाना आसान होगा।

एक टाइम ज़ोन के उलट पक्ष

एक ही टाइम ज़ोन होने से फायदे तो हमने गिनवा दिए लेकिन इसमें कुछ फंसाने वाले पेंच भी हैं, जिन्हें जानना भी बेहद जरूरी है।

पहला है, डेलाइट सेविंग का अभाव: चूंकि चीन में केवल एक ही टाइम ज़ोन है, इसलिए बाकी कई देशों की तरह चीन में डे-लाइट सेविंग टाइम का पालन नहीं किया जा सकता। पूर्वोतर के राज्यों में सूर्योदय सुबह के 4 बजे ही हो जाता है और शाम भी इतनी ही जल्दी हो जाती है। फलस्वरूप जब तक स्कूल कॉलेज और दफ्तर खुलते हैं तब तक दिन का एक बड़ा हिस्सा बीत चूका होता है। रात हो जाती है फिर भी ऑफिसों में काम होता रहता है।

दूसरा है, पर्यटन पर असर: यह अनोखा टाइम ज़ोन उन अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए चुनौतियां पैदा कर सकता है जो अपने घरेलू देशों में टाइम ज़ोन के आदी हैं। इसलिए अपने सफर से पहले समय के अंतर को जानना और उसके मुताबिक योजना बनाना जरूरी हो जाता है।

तीसरा है, सांस्कृतिक अंतर: इसका एक और असर स्थानीय रीति-रिवाजों और परंपराओं पर देखने को मिल सकता है। जैसे गर्मियों में देश के पूर्वोतर भागों में सूर्योदय सुबह के 4 बजे ही हो जाता है जबकि पश्चिमी भाग में सूर्योदय सुबह 8 से साढ़े 8 बजे के करीब होता है, जिससे सोने और उठने की आदतें अलग-अलग हो जाती हैं।

तो इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए यह कहा जा सकता है कि एक टाइम ज़ोन को अपनाने के चीन के इस निर्णय ने टाइमकीपिंग को आसान बना दिया है और देश के अंदर संचार भी बढ़ाया है।

खैर, अब हर कदम के नफे और नुकसान तो होते ही हैं, इसलिए जीवन के हर पहलू पर इसके प्रभाव के बारे में सोचना जरूरी है। कुल मिलाकर, चीन का अनोखा एक टाइम ज़ोन इसकी संस्कृति और इतिहास का एक आकर्षक पहलू है।

(अखिल पाराशर, चाइना मीडिया ग्रुप, बीजिंग)

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