भारत में चीनी दूतावास और भारतीय विश्वविद्यालय परिसंघ ने सार्वजनिक कूटनीति गतिविधि आयोजित की

2024-05-23 16:27:49

हाल ही में भारत में चीनी दूतावास और भारतीय विश्वविद्यालय परिसंघ ने "मूल आकांक्षाओं को फिर से देखें और हाथ में हाथ डालकर आगे बढ़ें" विषय पर एक सार्वजनिक कूटनीति गतिविधि आयोजित की। चीनी दूतावास में मिनिस्टर मा च्या ने भाग लिया और मुख्य भाषण दिया। भारतीय युवा नेतृत्व महासंघ के अध्यक्ष हिमाद्रिश सुवन और भारतीय विश्वविद्यालय परिसंघ के अध्यक्ष प्रियरंजन त्रिवेदी ने भाग लिया और भाषण दिया। भारतीय प्रबंधन संस्थान और मुंबई विश्वविद्यालय जैसे उच्च शिक्षा संस्थानों के लगभग 20 विशेषज्ञ, विद्वान और छात्र प्रतिनिधि उपस्थित हुए।


मिनिस्टर मा च्या ने कहा कि एक-चीन सिद्धांत चीन के लिए सभी देशों के साथ संबंध स्थापित करने और विकसित करने का मौलिक आधार और राजनीतिक आधार है। भारत नये चीन को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था और चीन के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाला पहला गैर-समाजवादी देश था। हम भारत पक्ष के साथ आपसी समझ और आपसी विश्वास को बढ़ाने, एक-दूसरे की चिंताओं का ख्याल रखने, और चीन-भारत संबंधों के स्थिर विकास को बढ़ावा देने के लिए समान कोशिश करने को तैयार हैं। मुझे आशा है कि सभी भारतीय मित्र इतिहास से अनुभव और ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं, संयुक्त रूप से एक-चीन सिद्धांत की रक्षा कर सकते हैं, और चीन व भारत के विकास, पुनरोद्धार और मित्रता के लिए योगदान दे सकते हैं।

उपस्थित जनों ने कहा कि भारत में चीन के नए राजदूत शू फेइहोंग के आगमन से भारत और चीन के संबंधों में नए अवसर आए हैं। भारत और चीन के बीच आपसी समर्थन का इतिहास रहा है और वे एक-चीन सिद्धांत के आधार पर चीन के साथ मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान करने के इच्छुक हैं। आशा है कि दोनों पक्ष एक-दूसरे की चिंताओं का सम्मान कर सकते हैं और सहयोग और आदान-प्रदान का विस्तार कर सकते हैं। उन्होंने सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ाने और आपसी समझ बढ़ाने पर भी चर्चा की।

(मीनू)

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