सीजीटीएन सर्वे: 90.21 प्रतिशत लोगों ने थाईवान नेता की खतरनाक टिप्पणी की निंदा की

2024-05-22 21:41:33

20 मई को, थाईवान क्षेत्र के नेता ने खुले तौर पर "थाईवान की स्वतंत्रता" की वकालत की, जिसने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का महत्वपूर्ण ध्यान आकर्षित किया है। सीजीटीएन द्वारा किए गए एक वैश्विक ऑनलाइन सर्वेक्षण से पता चला है कि लगभग 90 प्रतिशत (89.95%) उत्तरदाता एक-चीन सिद्धांत का दृढ़ता से समर्थन करते हैं और "थाईवान स्वतंत्रता" अलगाववाद का दृढ़ता से विरोध करते हैं।

मुख्य भूमि और थाईवान दोनों एकीकृत चीन के हिस्से हैं। थाईवान चीन का एक अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है। इस निष्कर्ष को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा व्यापक रूप से स्वीकार किया गया है। संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव 2758 ने यह स्पष्ट कर दिया कि दुनिया में केवल एक ही चीन है, और थाईवान चीन का एक हिस्सा है।

इस प्रस्ताव ने एक-चीन सिद्धांत की पुनः पुष्टि की। पिछले 50 वर्षों में, एक-चीन सिद्धांत के आधार पर चीन के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाले देशों की संख्या बढ़कर 183 हो गई है।

सर्वेक्षण में, 86.53 प्रतिशत वैश्विक उत्तरदाताओं का मानना है कि थाईवान की राजनीति में चाहे कुछ भी हो, इससे यह तथ्य नहीं बदलेगा कि थाईवान जलडमरूमध्य के दोनों किनारे एक ही चीन का हिस्सा हैं। यह एक-चीन सिद्धांत के प्रति दुनिया की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

थाईवान चीन का अभिन्न अंग है और थाईवान का प्रश्न एक आंतरिक मामला है जिसमें बाहरी हस्तक्षेप नहीं किया जाना चाहिए। सर्वेक्षण में 90.21 प्रतिशत वैश्विक उत्तरदाताओं ने थाईवान के नेता द्वारा दिए गए भड़काऊ बयान की कड़ी निंदा की। वे इस बात पर जोर देते हैं कि थाईवान का भविष्य केवल 140 करोड़ से अधिक चीनी लोगों द्वारा तय किया जा सकता है, जिसमें थाईवान में साथी हमवतन भी शामिल हैं।

हाल के वर्षों में, थाईवान जलडमरूमध्य की स्थिति ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के भीतर महत्वपूर्ण चिंताएँ बढ़ा दी हैं। थाईवान प्रश्न में कुछ देशों की भागीदारी ने व्यापक चिंताएँ पैदा कर दी हैं। सर्वेक्षण के अनुसार, 94.78 प्रतिशत वैश्विक उत्तरदाताओं ने व्यक्त किया कि थाईवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता एशिया-प्रशांत क्षेत्र और दुनिया की सुरक्षा और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।

इसके अलावा, 79.12 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने संयुक्त राज्य अमेरिका से थाईवान के अधिकारियों द्वारा हथियारों की खरीद का कड़ा विरोध किया। उन्हें डर है कि इससे थाईवान सैन्य संघर्ष की खतरनाक स्थिति में पहुंच सकता है। वहीं, 92.25 प्रतिशत लोगों ने व्यक्त किया कि थाईवान क्षेत्र में प्रचलित सार्वजनिक भावना युद्ध और मंदी के बजाय शांति और विकास के पक्ष में है। वे थाईवान के अधिकारियों से किसी भी उत्तेजक कार्रवाई को तुरंत बंद करने का आग्रह करते हैं।

बता दें कि सीजीटीएन द्वारा अंग्रेजी, स्पेनिश, फ्रेंच, अरबी और रूसी सहित विभिन्न मंचों पर प्रकाशित इस सर्वेक्षण को 24 घंटे की अवधि के भीतर 11,645 लोगों से प्रतिक्रियाएं मिलीं।

(अखिल पाराशर)

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