विश्व की छट पर स्थित छामडो की समृद्धि कल्पना के बाहर है

2024-05-21 09:07:58

जब चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के बड़े शहरों की चर्चा होती है, तो लोगों को अकसर ल्हासा ,शिकाजे व लिनची की याद आती है । पर तिब्बत के पूर्व में वास्तव में एक बहुत अहम शहर है ,उसका नाम छामडो है ।छामडो तिब्बत का तीसरा सबसे बड़ा शहर है और इसे तिब्बत का पूर्वी द्वार भी कहा जाता है ।पूर्व से ल्हासा जाने वाला सछ्वान-तिब्बत मार्ग और युन्नान-तिब्बत मार्ग छामडो से गुजरता है और इतिहास में वह प्राचीन चाय-घोड़ा मार्ग पर एक महत्वपूर्ण पड़ाव था ।इधर के कुछ साल छामडो शहर का विकास दिन में दोगुना रात में चौगुना हुआ ।समुद्री सतह से औसत 3500 मीटर ऊँचाई पर स्थित छामडो की समृद्धि कल्पना के बाहर है ।

छामडो के पांगडो हवाई अड्डे से डाउनटाउन तक 120 किलोमीटर से अधिक दूरी है ।इस बीच विशाल और सुंदर पांगडो घास मैदान है ।छामडो शहर में कई गगनचुंबी इमारतें हैं और बुनियादी संस्थापन संपूर्ण हैं । शहर का डिजाइन सरल ,सुव्यवस्थित और आलीशान दिखाई देता है ।शहर के केंद्र में वाणिज्यिक पैदल सड़क  और एक मनोरंजन चौक है ।वहां कॉफी शॉप ,पेयजल दुकान ,रेस्टोरेंट ,ब्रेड शॉप ,कपड़े की दुकान  डिपार्टमेंट स्टॉल व होटल नजर आते हैं ,जो आम लोगों के दिमाग में काल्पनिक सुदूर और पठारीय पश्चिमी शहर से एकदम अलग है ।  छामडो शहर की नागरिक कॉलॉनियां आम तौर पर बहुमंजिली इमारतों से बनी हैं ,जो आधुनिक व सुंदर दिखाई देती हैं । कॉलॉनी में गार्डन और मनोरजन क्षेत्र बसे हुए हैं ।

पैदल सड़क से चारों ओर कई शाखा सड़कें निकलती हैं ।वहां अधिक तिब्बती शैली वाले टी हाउस ,रेस्ट्रांट ,लांगमा हाउस (तिब्बती शैली वाला मनोरंजन केंद्र ) फैले हुए हैं ।जब रात होती है ,उन क्षेत्रों में भीड़-भाड़ दिखाई देती है ।तिब्बती लोग लांगमा हाउस में समय बिताना पसंद करते हैं ।वहां चाय ,बीयर ,पेयजल व स्नैक्स उपलब्ध हैं और परंपरागत सांस्कृतिक कार्यक्रम का प्रदर्शन भी होता है ।

पैदल सड़क पर छामडो संग्रहालय भी स्थित है ।जिसका निर्माण वर्ष 2015 में पूरा हुआ और लगभग दस करोड़ युआन का निवेश किया गया ,जिसका क्षेत्रफल 46 सौ वर्गमीटर से अधिक है ।वहां दस हजार से अधिक ऐतिहासिक अवशेषों की प्रदर्शनी होती है ,जो जुरासिक काल से तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति के बाद तक 16 करोड़ साल होते हैं। छामडो संग्रहालय तिब्बती संस्कृति खासकर स्थान विशेष कांगपा संस्कृति के इतिहास का पता लगाने का आदर्श स्थान है ।

छामडो संग्रहालय के पश्चिम में कुछ सौ मीटर दूर मशहूर छामपा लिंग मंदिर है ।उसका निर्माण वर्ष 1444 में हुआ और पूर्वी तिब्बत में सबसे बड़ा तिब्बती बौद्ध धर्म का मंदिर है ।वहां हजारों बौद्ध प्रतिमाएं ,भित्ति चित्र ,प्राचीन तिब्बती सूत्र व अन्य ऐतिहासिक वस्तुएं संरक्षित हैं ।

उल्लखनीय है कि छामडो शहर में जाछु नदी और न्गोमछु नदी का संगम होता है ,जो प्रसिद्ध लानत्सांग नदी बन जाती है ।लानत्सांग नदी चीन के बाहर जाने बाद मेगोन नदी कही जाती है ।वह दक्षिण पूर्वी एशिया की सबसे बड़ी नदी है ।(वेइतुंग)

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