चीन पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने से अमेरिकी उद्योगों को अधिक नुकसान होगा: ब्रिटिश मीडिया
ब्रिटिश साप्ताहिक प्रकाशन "द इकोनॉमिस्ट" ने हाल ही में अपनी वेबसाइट पर एक लेख पोस्ट किया है। लेख के मुताबिक, चीन पर ऊंचे टैरिफ लागू करने के मामले में जो बाइडेन ने डोनाल्ड ट्रंप को पीछे छोड़ दिया है। दुर्भाग्य से, इससे उपभोक्ता लागत में वृद्धि होगी और संभावित रूप से अमेरिकी उद्योगों को मदद की तुलना में अधिक नुकसान होगा।
14 मई को व्हाइट हाउस ने विभिन्न चीनी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ा दिया। उदाहरण के लिए, सेमीकंडक्टर और सौर सेल पर टैरिफ 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया। सीरिंज और सुइयों पर टैरिफ 0 से 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया, जबकि लिथियम बैटरी पर टैरिफ 7.5 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया गया।
प्रभावित सभी उत्पादों में से, चीन में बने इलेक्ट्रिक वाहनों में सबसे अधिक टैरिफ वृद्धि देखी गई, जो 25 प्रतिशत टैरिफ से आश्चर्यजनक रूप से 100 प्रतिशत तक बढ़ गई। दुर्भाग्य से, अमेरिकी उपभोक्ताओं को अंततः इन निर्णयों का वित्तीय बोझ उठाना पड़ेगा।
चीनी वस्तुओं पर अधिक टैरिफ लगाने के परिणामस्वरूप अमेरिकी उपभोक्ताओं के लिए खरीदारी की लागत बढ़ जाएगी। प्रारंभ में, प्रत्यक्ष प्रभाव सीमित हो सकता है, क्योंकि इन टैरिफ से प्रभावित उत्पादों का व्यापार पहले ही चीन से दूर हो चुका है। हालाँकि, लंबे समय में, अमेरिकी घरेलू उत्पादकों को सस्ते सामान विकसित करने के लिए कम प्रेरणा मिलेगी क्योंकि वे जानते हैं कि वे विदेशी प्रतिस्पर्धा से सुरक्षित हैं।
अंततः, तथ्य यह प्रदर्शित कर सकते हैं कि चीन पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने से अमेरिकी उद्योगों को लाभ से अधिक नुकसान होगा। (मीनू)