तिब्बत में ग्राम-उद्यम सह-निर्माण मॉडल से 2 लाख से अधिक किसानों को लाभ मिला
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के उद्योग और वाणिज्य महासंघ से प्राप्त हालिया जानकारी के अनुसार, साल 2022 से ही पूरे स्वायत्त प्रदेश में "हजारों उद्यमों द्वारा हजारों गांवों की समृद्धि" वाला अभियान शुरु किया गया।
इस अभियान के हिस्से के रूप में, तिब्बत में 1997 उद्यमों ने 1476 गांवों के साथ ग्राम-उद्यम सह-निर्माण मॉडल स्थापित किया, जिसमें कुल 2.3 अरब युआन का निवेश किया गया। इन धनराशियों से 360 व्यावसायिक एवं जनकल्याणकारी परियोजनाएं लागू की गई हैं, और 2 लाख 15 हजार किसानों और चरवाहों को लाभ मिला है।
बताया गया है कि तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की पार्टी समिति निजी उद्यमों की विशेषताओं और फायदों को पूरा महत्व देती है, और "हजारों उद्यमों द्वारा हजारों गांवों की समृद्धि" वाले अभियान में निजी उद्यमों की भागीदारी को ग्रामीण पुनरुद्धार के संवर्धन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मानती है।
इस अभियान के तहत, सीमांत गांवों और सहायता मंद कस्बों में विशेष शोध करके वार्षिक कार्रवाई कार्य बिंदु बनाया गया, और सटीक रूप से संबंधित डेटा हासिल किया गया, जिनसे इस अभियान के कार्यान्वयन के लिए आधार तैयार हुआ।
वहीं, बड़ी संख्या में निजी उद्यमों ने सकारात्मक प्रतिक्रियाएं दीं। ग्राम-उद्यम की जोड़ वाले तंत्र के तहत, निजी उद्यमों ने सहायता जरूरत गांवों की औद्योगिक स्थितियों के आधार पर औद्योगिक सहायता परियोजनाएं स्थापित कीं, जिसमें विशेष रोपण, कृषि उत्पाद प्रसंस्करण, ग्रामीण पर्यटन, जातीय हस्तशिल्प आदि क्षेत्र शामिल हैं, जिससे निजी उद्यमों और गांवों के बीच सहयोग और सह-निर्माण, आपसी लाभ और उभय जीत वाली नई स्थिति सामने आई।
इसके अलावा, "सौ उद्यमों द्वारा सौ गांवों की जोड़" वाले अभियान के माध्यम से 96 निजी उद्यमों ने 101 सीमांत गांवों की सहायता दी। "जन्मस्थान में वापसी" विशेष अभियान के माध्यम से देश के अन्य स्थलों में तिब्बती उद्यमियों और आर्थिक प्रतिभाओं को उद्यमिता के लिए गृहनगर में लौटने का आकर्षण किया गया, जिससे ग्रामीण पुनरुद्धार को बढ़ावा मिला है और लोगों की आय में वृद्धि हुई है।
(श्याओ थांग)