चीन-हंगरी संबंधों के "स्वर्णिम चैनल" में प्रवेश से नए अवसरों की शुरूआत
"राष्ट्रपति शी की यात्रा एक ऐतिहासिक यात्रा है।" 9 मई को, हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन ने चाइना मीडिया ग्रुप के साथ एक विशेष साक्षात्कार में यह टिप्पणी की।
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की हंगरी की राजकीय यात्रा के सार्थक परिणाम प्राप्त हुए हैं। यात्रा के दौरान, दोनों देशों के नेताओं ने संयुक्त बयान जारी कर चीन-हंगरी संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी से नए युग में हर मौसम के लिए व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक उन्नत करने की घोषणा की।
विश्लेषकों के विचार में इस उन्नयन का मतलब है कि चीन और हंगरी के बीच राजनीतिक आपसी विश्वास, रणनीतिक सहमति, समन्वय, सहयोग आदि पहलू नई ऊंचाइयों पर पहुंचेंगे। इसके अलावा, दोनों पक्षों ने 10 से अधिक सहयोग दस्तावेजों पर भी हस्ताक्षर किए, जिनसे भविष्य के द्विपक्षीय सहयोग में नई प्रेरणा शक्ति डाली गई।
चीन-हंगरी संबंधों की गुणवत्ता और उन्नयन को कैसे बढ़ावा दिया जाए ? राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कहा कि दोनों पक्षों को एक-दूसरे के मूल हितों और प्रमुख चिंताओं का दृढ़ता से समर्थन करना जारी रखना चाहिए, दोनों देशों की विकास रणनीतियों के संरेखण को मजबूत करना चाहिए, स्वच्छ ऊर्जा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे उभरते क्षेत्रों में सक्रिय रूप से सहयोग का विस्तार करना चाहिए, दोनों देशों में भाषा शिक्षण का समर्थन जारी रखना चाहिए, मानविकी आदान-प्रदान, बहुपक्षीय संचार और सहयोग को मजबूत करना चाहिए, और अंतर्राष्ट्रीय न्याय की रक्षा करनी चाहिए। राष्ट्रपति शी द्वारा प्रस्तुत ये प्रस्ताव अगले चरण में चीन-हंगरी संबंधों के विकास की दिशा बताते हैं।
हालाँकि चीन और हंगरी की राजनीतिक प्रणालियाँ अलग-अलग हैं, वे हमेशा अच्छे दोस्त रहे हैं जो एक-दूसरे के साथ ईमानदारी से व्यवहार करते हैं। एक बहुत महत्वपूर्ण कारण यह है कि दोनों पक्ष उच्च स्तर का राजनीतिक आपसी विश्वास बनाए रखते हैं।
मौजूदा हंगरी यात्रा के दौरान, शी चिनफिंग ने कहा कि चीन अपनी राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुरूप विकास पथ अपनाने में हंगरी का दृढ़ता से समर्थन करता है। वहीं, हंगरी ने अपने मूल हितों और वैध अधिकारों की रक्षा में चीन का समर्थन व्यक्त किया और कहा कि हंगरी अतीत, वर्तमान और भविष्य में एक-चीन सिद्धांत का दृढ़ता से पालन करेगा। इनसे दोनों पक्षों के बीच राजनीतिक आपसी विश्वास का निर्माण होगा और संबंधों के विकास के लिए एक ठोस राजनीतिक गारंटी मिलेगी।
साथ ही, चीन और हंगरी अभी भी पारस्परिक लाभ और उभय जीत वाले परिणामों के साथ अच्छे भागीदार हैं। चीन यूरोप के बाहर हंगरी का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, और हंगरी मध्य और पूर्वी यूरोप में चीन का नंबर एक निवेश गंतव्य और महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार है।
हाल के वर्षों में, नई ऊर्जा के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग बहुत उल्लेखनीय है। चीन के नवीन ऊर्जा वाहन उद्योग में कई अग्रणी कंपनियों ने हंगरी में निवेश किया है और कारखाने स्थापित किए हैं। चीनी उद्यम द्वारा निवेशित और निर्मित कापोस्वर फोटोवोल्टिक पावर स्टेशन को बिजली उत्पन्न करने के लिए ग्रिड से जोड़ा गया है, जो हंगरी को हर साल 120,000 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करने में मदद कर सकता है। जैसा कि हंगरी के विदेश मंत्री पीटर सिज्जर्टो ने कहा, हंगरी और चीन के बीच सहयोग साबित करता है कि चीन यूरोपीय देशों के लिए बड़े अवसर प्रदान करता है।
चीन-हंगरी संयुक्त बयान के अनुसार, दोनों पक्ष "बेल्ट एंड रोड" पहल के सह-निर्माण और हंगरी की "पूर्व की ओर खुलापन" की रणनीति के बीच और अधिक गहन एकीकरण को बढ़ावा देंगे।
एक चीनी कहावत है, "आग में प्रत्येक की जलाऊ लकड़ी लौ को और ऊँचा उठाती है", और एक हंगेरियन कहावत है, "एक अच्छे दोस्त की कीमत सोने से भी अधिक होती है।" आज, चीन-हंगरी संबंध एक नए स्तर पर पहुंच गए हैं। दोनों पक्ष सामान्य विकास और समृद्धि हासिल करने के लिए अपनी-अपनी आधुनिकीकरण प्रक्रियाओं में अधिक निकटता से मिलकर काम करेंगे, और चीन-मध्य और पूर्वी यूरोपीय देशों को अपने सहयोग को गहरा और मजबूत करने के लिए नेतृत्व करेंगे। "स्वर्णिम चैनल" में प्रवेश कर चुके चीन-हंगरी संबंधों ने नए अवसरों की शुरुआत की है।
(श्याओ थांग)