मध्य-पूर्व क्षेत्र की स्थिति पर चीन और फ्रांस का संयुक्त बयान

2024-05-07 16:40:37

फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के निमंत्रण पर चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 5 से 7 मई तक फ्रांस की राजकीय यात्रा की। दोनों नेताओं ने मध्य-पूर्व क्षेत्र की स्थिति पर गहन रूप से विचार-विमर्श किया।

दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति कायम की कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य देश होने के नाते चीन और फ्रांस विश्व सुरक्षा और स्थिरता के सामने मौजूद चुनौतियों और खतरों का मुकाबला करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय कानून पर आधारित रचनात्मक समाधान ढूंढ़ने में जुटे हैं।

चीन और फ्रांस आतंकी व हिंसक कार्रवाई और आम लोगों के खिलाफ हो रहे हमलों समेत अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन करने वाली सभी कार्रवाइयों की निंदा करते हैं।

दोनों नेताओं ने जोर दिया कि स्थायी युद्धविराम शीघ्र ही साकार करना प्राथमिकता है, ताकि गाज़ा पट्टी में बड़े पैमाने पर मानवीय सहायता और आम लोगों का संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके।

दोनों नेताओं ने सभी आवश्यक गलियारों और सीमा पारगमनों को प्रभावी ढंग से खोलने की अपील की, ताकि पूरे गाज़ा पट्टी में मानवीय सहायता की त्वरित, सुरक्षित, टिकाऊ और निर्बाध आपूर्त हो सके।

इसके साथ ही दोनों नेताओं ने तनाव बढ़ाने के एकतरफा कदमों से बचने की अपील की और अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन कर बस्तियां बनाने की इजराइल की नीति की निंदा भी की।

दोनों नेताओं ने यह भी अपील की कि निर्णायक और अपरिवर्तनीय तरीके से राजनीतिक प्रक्रिया फिर से शुरू की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि "दो-राज्य समाधान" का कार्यान्वयन कर इजराइल और फिलिस्तान पड़ोसी देशों के रूप में शांति और सुरक्षा के साथ सह-अस्तित्व में रहें।

वहीं, दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय तनाव बढ़ने के खतरों पर गहरी चिंता जतायी। चीन और फ्रांस अन्य साझेदारों के साथ तनाव कम करने के लिए काम कर रहे हैं। दोनों देश ईरान के नाभिकीय मामलों का राजनीतिक व कूटनीतिक समाधान बढ़ाएंगे और लाल सागर व अदन की खाड़ी में नौवहन की स्वतंत्रता के महत्व की रक्षा करेंगे।

अंत में दोनों नेताओं ने वर्ष 2024 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक और पैरालंपिक के दौरान युद्धविराम करने की अपील की।

(ललिता)

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