बंगलुरू में गंभीर जल संकट, 1.3 करोड़ लोग प्रभावित

2024-05-06 19:04:05

दक्षिणी भारत के बंगलुरू शहर को "भारत के सिलिकॉन वैली" के रूप में जाना जाता है। हाल के वर्षों में, बंगलुरू शहर के आकार का तेजी से विस्तार हुआ है। हालांकि, भूजल के अत्यधिक उपयोग और जलवायु परिवर्तन जैसे कारकों के चलते, बंगलुरू, जहां अतीत में कभी-कभी पानी की कमी होती थी, अब पानी की गंभीर कमी के संकट में है।

बंगलुरू शहर में 1.3 करोड़ से अधिक लोग रहते हैं। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, पूरे शहर की सामान्य दैनिक पानी की खपत 26 लाख टन है, लेकिन बंगलुरू में मौजूदा दैनिक पानी की कमी 5 लाख टन पहुंच गयी है। वर्तमान में, बंगलुरू के अपार्टमेंट भवनों में पानी की आपूर्ति सीमित समय एवं सीमित तरीके से होती है। स्थानीय लोगों को खाना बनाने, नहाने और शौचालय का उपयोग करते समय पानी बचाना पड़ता है।

इस मार्च से, बंगलुरू जल आपूर्ति विभाग ने अस्पतालों को छोड़कर जल के लिये बडे उपयोगकर्ताओं को पानी की आपूर्ति में अनिवार्य रूप से 20 प्रतिशत की कटौती लागू करना शुरू कर दिया है। इसके अलावा, वर्षा की कमी के कारण भूजल स्तर कम हो गया है। इस वजह से बंगलुरू में कुआं खोदने वाले किसी भी व्यक्ति को आधिकारिक चैनलों के माध्यम से ड्रिलिंग परमिट लेने की जरूरत है।

 

(हैया)

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