यूएन महासभा की "शांति की संस्कृति" मुद्दे पर आम बहस में चीन ने विचार रखे

2024-05-03 17:06:43

संयुक्त राष्ट्र स्थित चीनी स्थाई प्रतिनिधि ताई पिंग ने 2 मई को यूएन महासभा द्वारा "शांति की संस्कृति" मुद्दे पर आयोजित आम बहस में भाषण देते हुए समानता, आपसी विश्वास, सामान्य विकास और आपसी सीख पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि आज की दुनिया अराजकता से घिरी हुई है। शांति की कमी, विकास की कमी, सुरक्षा की कमी और शासन की कमी लगातार बढ़ रही है। असमानता और असहिष्णुता के विभिन्न रूप व्यापक रूप से मौजूद हैं। इस तरह, वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय स्थिति के संदर्भ में, शांति की संस्कृति को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर देना विशेष रूप से सामयिक और आवश्यक है।

चीनी प्रतिनिधि ने तीन सूत्रीय प्रस्ताव पेश किए। पहला, समानता और आपसी विश्वास का पालन करें। एक-दूसरे के साथ समान व्यवहार करना, एक-दूसरे का सम्मान और विश्वास करना, और सुरक्षा बनाए रखने की बुनियादी शर्तें हैं। सभी देशों को आपसी सम्मान, निष्पक्षता, न्याय और उभय जीत सहयोग वाले नए प्रकार के अंतरराष्ट्रीय संबंधों के निर्माण को बढ़ावा देना चाहिए। बातचीत और परामर्श के माध्यम से संघर्षों को खत्म करने पर जोर देना चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से गैर-पारंपरिक सुरक्षा खतरों का जवाब देना चाहिए, और मानव जाति के सुरक्षा समुदाय के निर्माण के लिए मिलकर काम करना आवश्यक है।

दूसरा, सामान्य विकास का पालन करें। शांति और विकास आंतरिक रूप से और अनिवार्य रूप से जुड़े हुए हैं। केवल समावेशी और सतत विकास प्राप्त करके ही हम स्थायी शांति के लिए एक ठोस आधार तैयार कर सकते हैं। विकास में असमानता, अपर्याप्तता और असंतुलन की समस्याओं को मूल रूप से समाप्त करके और सभी देशों के लिए समान और सतत विकास प्राप्त करके ही दुनिया बेहतर भविष्य की ओर बढ़ सकती है।

और तीसरा, सभ्यताओं के बीच आपसी सीख का पालन करें। सभ्यताओं की विविधता मानव समाज की बुनियादी विशेषता है और हर सभ्यता समान सम्मान की हकदार है। सभी देशों को समानता और सम्मान को कायम रखते हुए अहंकार और पूर्वाग्रह को त्यागना चाहिए, विभिन्न सभ्यताओं के बीच सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व और आम प्रगति को बढ़ावा देना चाहिए, और सभ्यताओं के बीच आदान-प्रदान और आपसी सीख को मानव प्रगति के लिए प्रेरक शक्ति और विश्व शांति बनाए रखने का बंधन बनाना चाहिए।

ताई पिंग ने यह भी कहा कि चीन शांतिपूर्ण विकास के रास्ते पर आधुनिकीकरण को बढ़ावा देने पर जोर देता है, जिससे न केवल चीन को, बल्कि दुनिया को भी फायदा होता है। चीन ने वैश्विक विकास पहल, वैश्विक सुरक्षा पहल और वैश्विक सभ्यता पहल प्रस्तावित किया, जिनका उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र के मूल में अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था और अंतर्राष्ट्रीय कानून पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था की रक्षा करना, और मानव जाति के सामने आने वाले शांति और विकास के मुद्दों के समाधान को बढ़ावा देना है।

उन्होंने कहा कि चीन अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर संयुक्त रूप से वैश्विक चुनौतियों का मुकाबला करना चाहता है, ताकि हाथ मिलाकर मानव जाति के साझा भविष्य वाले समुदाय की स्थापना की जा सके।

(श्याओ थांग)

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