विश्व पुस्तक दिवस:किताबों का खूबसूरत संसार

2024-04-21 09:38:29

आज, कम्प्यूटर और इंटरनेट के प्रति बढ़ती दिलचस्पी के कारण किताबों से लोगों की दूरी बढ़ती जा रही है। इसीलिए संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के द्वारा पढ़ने, प्रकाशन और कॉपीराइट को बढ़ावा देने के लिए प्रतिवर्ष 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक दिवस आयोजित किया जाता है जिसकी स्थापना 15 नवंबर 1995 को यूनेस्को द्वारा की गई थी। यह आशा की जाती है कि हर कोई साहित्य, संस्कृति, विज्ञान और विचार के उन गुरुओं का सम्मान और धन्यवाद कर सकता है जिन्होंने मानव सभ्यता में महान योगदान दिया है, और साथ ही, बौद्धिक संपदा अधिकारों की रक्षा कर सकता है।

कहते हैं कि यूनेस्को द्वारा 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक दिवस के रूप में चुनने का कारण एक खूबसूरत किंवदंती से प्रेरित था। 23 अप्रैल स्पेन के कैटालोनिया में संत जोर्डी दिवस मनाया जाता है। किवदंती के अनुसार, एक खूबसूरत राजकुमारी को एक अजगर ने पहाड़ों में फंसा लिया था। योद्धा जोर्डी ने अकेले ही अजगर को हरा दिया और राजकुमारी को बचा लिया। जोर्डीको राजकुमारी से वापसी में एक किताब उपहार के रूप में मिली। तब से किताब साहस और शक्ति का प्रतीक बन गई है।

विलियम शेक्सपियर ने कहा था, "किताबों के बिना जीवन में धूप न होने के समान है। पुस्तकों के बिना बुद्धि बिना पंखों के पक्षी के समान है।" पढ़ने का मानव विकास पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है। चीनी कविता में कहा गया कि "पर्याप्त कविताएँ और किताबें पढ़ें, तो लोग प्रतिभाशाली होंगे।" एक अच्छी किताब किसी व्यक्ति का जीवन बदल सकती है।

चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने भी कई बार अपने पढ़ने के अनुभव और अनुशंसित पुस्तक सूचियों के बारे में बात की है। उन्होंने एक बार रूसी मीडिया के साथ एक विशेष साक्षात्कार में कहा था, "अब, जो मैं अकसर पढ़ता हूं, और पढ़ना मेरे लिए जीवन जीने का एक तरीका बन गया है।"

वास्तव में, पढ़ने से लोगों को ज्ञान का आनंद, आत्मा का आनंद, सद्भाव और सौंदर्य का आनंद मिल सकता है। चाहे आप बूढ़े हों या जवान, गरीब हों या अमीर, बीमार हों या स्वस्थ, आप किसी भी स्थिति में किताबें पढ़ने का आनंद ले सकते हैं और किताबों से मिलने वाले ज्ञान और खुशी को जीवन भर महसूस कर सकते हैं।

(श्याओ थांग)

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