सीजीटीएन जनमत सर्वेक्षण: लगभग 90 प्रतिशत वैश्विक उत्तरदाता हरित विकास में चीन के योगदान की प्रशंसा करते हैं

2024-04-20 22:45:08


जैसे-जैसे चीन के नए ऊर्जा वाहन, लिथियम बैटरी और फोटोवोल्टिक उत्पाद वैश्विक बाजार में धूम मचा रहे हैं, चीन के नए ऊर्जा उत्पादों की "अतिक्षमता" को लेकर काफी प्रचार हो रहा है। हालाँकि, सीजीटीएन द्वारा किए गए एक वैश्विक सर्वेक्षण के अनुसार, 88.62 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने विश्व अर्थव्यवस्था और वैश्विक हरित विकास में चीन के नए ऊर्जा उद्योग के योगदान की प्रशंसा की।

सर्वेक्षण में पाया गया कि 84.86 प्रतिशत वैश्विक उत्तरदाताओं का मानना है कि वैश्विक बाजार में अभी भी नई ऊर्जा प्रौद्योगिकियों और उत्पादों की भारी मांग और संभावनाएं हैं। 86.05 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि उत्पादन क्षमता आपूर्ति और मांग से निर्धारित होती है, उन्होंने कहा कि मांग से उचित अधिक आपूर्ति पूर्ण प्रतिस्पर्धा और योग्यतम के अस्तित्व के लिए अनुकूल है। सर्वेक्षण में, 85.71 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने बताया कि तकनीकी नवाचार में तेजी लाना और बाजार प्रतिस्पर्धा को पूरी तरह से उत्तेजित करना नई ऊर्जा के क्षेत्र में स्वस्थ और तेजी से विकास को बढ़ावा देने की कुंजी है। इसके अलावा, लगभग 88.46 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि वैश्वीकरण के युग में, विभिन्न देशों के पास अलग-अलग तुलनात्मक लाभ हैं; इसलिए, देशों के बीच सहयोग को मजबूत करना समस्याओं को हल करने की कुंजी है।

यह बताया जाना चाहिए कि नई ऊर्जा उद्योग में चीन के फायदे वास्तविक कौशल के माध्यम से प्राप्त किए गए हैं और पूर्ण बाजार प्रतिस्पर्धा द्वारा आकार दिए गए हैं, न कि सरकारी सब्सिडी द्वारा। सर्वेक्षण में, 88.62 प्रतिशत वैश्विक उत्तरदाताओं ने वैश्विक हरित विकास में चीन के सकारात्मक योगदान की अत्यधिक प्रशंसा की। 77.41 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि नए ऊर्जा उद्योग को संरक्षणवाद से जोड़ने से जलवायु परिवर्तन से निपटने में देशों के संयुक्त प्रयास कमजोर हो जाएंगे। 91.93 प्रतिशत उत्तरदाताओं का कहना है कि वैश्विक नए ऊर्जा क्षेत्र का स्वस्थ विकास निष्पक्ष और उचित अंतरराष्ट्रीय नियमों और व्यवस्था पर आधारित होना चाहिए और व्यापक विकासशील देशों के हितों को पूरी तरह से महत्व दिया जाना चाहिए। अन्य 83.87 प्रतिशत उत्तरदाताओं का कहना है कि उत्पादन क्षमता का मुद्दा एक आर्थिक मुद्दा है और इसे राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए, उन्होंने कहा कि उत्पादन क्षमता की पैन-राजनीतिकरण और पैन-सुरक्षा प्रथाएं आर्थिक सिद्धांतों के विपरीत है और विश्व आर्थिक सुधार के लिए अनुकूल नहीं है।

चंद्रिमा

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