चीन फिलीपींस को कभी भी अनुचित परेशानी पैदा नहीं करने देगा: चीनी रक्षा मंत्रालय

2024-04-12 17:46:31

हाल ही में, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और फिलीपींस ने दक्षिण चीन सागर में अपना पहला संयुक्त समुद्री अभ्यास आयोजित किया। चारों देशों के रक्षा मंत्रियों ने एक संयुक्त बयान में घोषणा की कि इस कदम का उद्देश्य सहयोग को मजबूत करने के लिए "सामूहिक प्रतिबद्धता" प्रदर्शित करना है।

एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका, जापान और फिलीपींस के नेताओं ने हाल ही में एक त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन आयोजित किया था। अमेरिका ने कहा कि फिलीपींस के विमानों, जहाजों या सशस्त्र बलों पर कोई भी हमला "अमेरिका और फिलीपींस के बीच पारस्परिक रक्षा संधि" को स्पर्श करेगा। कुछ टिप्पणीकारों का मानना है कि इसका उद्देश्य क्षेत्र में चीन के बढ़ते आर्थिक, राजनयिक और सैन्य प्रभाव को संतुलित करना है।

संबंधित मुद्दों की चर्चा करते हुए, चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वू छ्येन ने 12 अप्रैल को कहा कि चीन का हमेशा से मानना रहा है कि देशों के बीच किसी भी रक्षा सहयोग को अन्य विशिष्ट देशों को लक्षित नहीं करना चाहिए और क्षेत्रीय शांति व स्थिरता को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। दक्षिण चीन सागर में चीन की प्रासंगिक गतिविधियाँ उचित, कानूनी और निंदा से परे हैं। इसके विपरीत, क्षेत्र के बाहर के कुछ देश अपनी ताकत दिखाने के लिए अकसर दक्षिण चीन सागर में जहाज और विमान भेजते हैं, चीन के खिलाफ़ एक "छोटा वृत्त" बनाने के लिए सहयोगियों की भर्ती करते हैं, और यहां तक कि तथाकथित पारस्परिक रक्षा संधि शुरू करके चीन को धमकाते हैं और विवश करते हैं। यह कृत्य गैर-जिम्मेदाराना और बेहद खतरनाक है।

वू छ्येन ने कहा कि दक्षिण चीन सागर क्षेत्रीय देशों का साझा घर है। चीन ने हमेशा बातचीत और परामर्श के माध्यम से मतभेदों को उचित तरीके से संभालने की वकालत की है। साथ ही, चीन बाहरी ताकतों के हस्तक्षेप का दृढ़ता से विरोध करता है, और क्षेत्रीय तनाव पैदा करने वाले उकसावे और परेशानियों का दृढ़ता से विरोध करता है।

उन्होंने यह भी कहा कि चीन ने कभी भी अपनी ताकत का इस्तेमाल छोटे देशों को धमकाने के लिए नहीं किया है, लेकिन वह फिलीपींस को कभी भी अनुचित परेशानी पैदा करने की अनुमति नहीं देगा। राष्ट्रीय संप्रभुता और सुरक्षा की रक्षा के मुद्दे पर चीनी सेना हमेशा अपनी बात रखती है।

(श्याओ थांग)

रेडियो प्रोग्राम