तिब्बत का चांगमू बंदरगाह एक व्यस्त सीमा शुल्क निकासी केंद्र बन गया
ल्हासा सीमा शुल्क की हालिया खबर के अनुसार, साल 2024 की पहली तिमाही में 1 लाख से अधिक लोगों ने तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के चांगमू बंदरगाह से आवागमन किया है। इस साल की शुरुआत से, बंदरगाह में प्रतिदिन औसतन 1,000 से अधिक लोग प्रवेश करते और बाहर निकलते देखे गए हैं। यह एक व्यस्त सीमा शुल्क निकासी केंद्र बन गया है और फिर से तिब्बत की सबसे महत्वपूर्ण सीमा शुल्क निकासी मात्रा का खिताब रखता है।
तिब्बत में चांगमू बंदरगाह और नेपाल में कोडारी बंदरगाह नदी के उस पार हैं। वे चीन और नेपाल के बीच राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करते हैं। 25 अप्रैल, 2015 को, नेपाल में रिक्टर पैमाने पर 8.1 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया, जिससे चांगमू बंदरगाह गंभीर रूप से प्रभावित हुआ और इसके संचालन को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया।
ल्हासा सीमा शुल्क दोनों देशों के बंदरगाहों के बीच आवाजाही की शीघ्र बहाली सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। 1 मई, 2023 को बंदरगाहों के बीच "दो-तरफ़ा कार्गो यातायात" बहाल किया गया और 1 सितंबर को "यात्री यातायात" व्यवस्थित तरीके से फिर से शुरू हुआ।
ल्हासा सीमा शुल्क के जिम्मेदार व्यक्ति के अनुसार, चांगमू बंदरगाह पर यात्री यातायात फिर से शुरू होने के बाद से, उन्होंने सीमा शुल्क निकासी प्रक्रिया को अनुकूलित किया है, निगरानी और प्रबंधन संसाधनों को कुशलतापूर्वक आवंटित किया है, और साल भर के सीमा शुल्क निकासी मॉडल को लागू किया है जिसे "5+2" के रूप में जाना जाता है। उन्होंने सफलतापूर्वक एक सुरक्षित, कुशल और सुविधाजनक सीमा शुल्क निकासी वातावरण बनाया है।
(श्याओ थांग)